मॉरीशस की धरती पर आयोजित गीता महोत्सव के लिए मांगी गई केडीबी के सदस्यों के पासपोर्ट की जानकारी
प्रदेश सरकार की ओर से इस साल मॉरिशस में गीता महोत्सव मनाये जाने का फैसला लिया गया है। इसके लिए मॉरिशस सरकार ने 12 से 17 फरवरी तक महोत्सव का आयोजन कराने की हामी भरी है। इस आयोजन का जिम्मा भी कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड पर है। ऐसे में इसके लिए हरियाणा सरकार के साथ-साथ कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड से जुड़े लोग भी मॉरिशस पहुंचने की तैयारियां कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : प्रदेश सरकार की ओर से इस साल मॉरिशस में गीता महोत्सव मनाये जाने का फैसला लिया गया है। इसके लिए मॉरिशस सरकार ने 12 से 17 फरवरी तक महोत्सव का आयोजन कराने की हामी भरी है। इस आयोजन का जिम्मा भी कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड पर है। ऐसे में इसके लिए हरियाणा सरकार के साथ-साथ कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड से जुड़े लोग भी मॉरिशस पहुंचने की तैयारियां कर रहे हैं। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की टीम इसके लिए प्रपोजल तैयार करने में जुटी है। लेकिन अभी तक मॉरिशस जाने वाले लोगों की सूची फाइनल नहीं हुई है। पिछले कई दिनों से इसको लेकर गहमा-गहमी का माहौल बना हुआ है। ऐसे में केडीबी अधिकारी और कर्मचारियों से लेकर बोर्ड के गैर सरकारी सदस्यों में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। बताया जा रहा है कि इसको लेकर सिफारिशों का दौर भी खूब चल रहा है। हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री की ओर से इस महोत्सव में जाने वाले लोगों की सूची को फाइनल नहीं किया गया है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है इसके लिए 50 से 60 लोगों का एक दल मॉरिशस जा सकता है। मंगवाई गई है पासपोर्ट की डिटेल
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के कुछ गैर सरकारी सदस्यों के पासपोर्ट की जानकारी मांगी गई है। केडीबी के 10 गैर सरकारी सदस्य हैं। इन सदस्यों के अलावा महोत्सव में प्रस्तुति के लिए एक सांस्कृतिक दल और गीता से जुड़े अन्य विशेषज्ञों का भी महोत्सव में हिस्सा लेना तय माना जा रहा है। विदेश जाने वाले दल को छोटा करने के निर्देश
दूसरी ओर ऐसा भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से केडीबी को निर्देश मिले हैं कि मॉरिशस में गीता महोत्सव के नाम पर सरकारी धन की फिजूल खर्ची नहीं की जाएगी। इसके बाद से केडीबी कार्यालय में इस सूची में छंटनी का दौर चल रहा है। इस छंटनी से कई सदस्यों और कर्मचारियों में बेचैनी बढ़ी हुई है। केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देशानुसार सूची तैयार की गई है। इस बात का ध्यान रखा गया है कि किसी भी हालत में फिजूल खर्ची न हो।