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प्राचीन काल से ही संस्कृति के क्षेत्र में समृद्ध देश रहा है भारत : तंवर

हरियाणा इतिहास एवं संस्कृति अकादमी के निदेशक डॉ. रघुवेंद्र तंवर ने कहा कि प्राचीन काल से ही संस्कृति के क्षेत्र में भारत एक समृद्ध देश रहा है। भारतीय शिक्षा का मूल आधार संस्कृति ही रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 08:20 AM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 08:20 AM (IST)
प्राचीन काल से ही संस्कृति के क्षेत्र में समृद्ध देश रहा है भारत : तंवर
प्राचीन काल से ही संस्कृति के क्षेत्र में समृद्ध देश रहा है भारत : तंवर

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : हरियाणा इतिहास एवं संस्कृति अकादमी के निदेशक डॉ. रघुवेंद्र तंवर ने कहा कि प्राचीन काल से ही संस्कृति के क्षेत्र में भारत एक समृद्ध देश रहा है। भारतीय शिक्षा का मूल आधार संस्कृति ही रहा है। वह शनिवार को विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के सभागार में सांस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र नई दिल्ली एवं संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 451वें अनुस्थापन पाठ्यक्रम शिविर के समापन समारोह में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति रही है कि हमारे यहां संस्कारों की शिक्षा ना केवल विद्यालयों में अपितु परिवारों व समाज द्वारा भी दी जाती है। हमारे देश में धर्म से ज्यादा संस्कृति का प्रभाव रहा है। संस्कृति का महत्व समझना और समझाना भी जरूरी है। कक्षा कक्ष को सुरुचिपूर्ण बनाते हुए शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार लाना शिक्षकों का पहला कार्य है। सीसीआरटी के निदेशक ऋषि वशिष्ठ ने कहा कि संस्थान का मूल उद्देश्य है शिक्षा को संस्कृति से कैसे जोड़ा जाए। इस अनुस्थापन पाठ्यक्रम में अलग-अलग राज्यों से प्रतिभागियों ने भाग लिया। भाषाओं में भिन्नता होने के बाद भी यह कार्यशाला पूर्ण रूप से सफल रही है। किसी महत्वपूर्ण कार्य में भाषा कभी भी बाधक नहीं बन सकती। विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के निदेशक एवं सीसीआरटी कार्यकारिणी के सदस्य डॉ. रामेंद्र सिंह ने कहा कि संस्कृति हमारे देश की विशेषता है। विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान संस्थान और सीसीआरटी के कार्य लगभग एक जैसे हैं। इस मौके पर राजेश भटनागर, केरल से के. सुधाकरन, तमिलनाडु से एस.विजयलक्ष्मी शंकर मौजूद रहे।

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