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नशीली वस्तु अधिनियम की जांच में खामियां न छोड़े जांच अधिकारी : चंद्र मोहन

सहायक जिला न्यायवादी चंद्र मोहन ने कहा कि नशीली वस्तु अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में अनुसंधान के दौरान पुलिस अधिकारी अनुसंधान में कुछ खामियां छोड़ देते हैं, जिसका लाभ उठाकर अपराधी बरी हो जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 01:16 AM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 01:16 AM (IST)
नशीली वस्तु अधिनियम की जांच में खामियां न छोड़े जांच अधिकारी : चंद्र मोहन
नशीली वस्तु अधिनियम की जांच में खामियां न छोड़े जांच अधिकारी : चंद्र मोहन

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सहायक जिला न्यायवादी चंद्र मोहन ने कहा कि नशीली वस्तु अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में अनुसंधान के दौरान पुलिस अधिकारी अनुसंधान में कुछ खामियां छोड़ देते हैं, जिसका लाभ उठाकर अपराधी बरी हो जाते हैं। जांच के दौरान अनुसंधान अधिकारी को नशीली वस्तु अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित नियमों की पालना करते हुए इमानदारी से जांच करनी चाहिए। वे पिहोवा के पुलिस उपाधीक्षक धीरज कुमार की अध्यक्षता में पुलिस लाइन में आयोजित बैठक में पुलिस की अपराध शाखा एक-दो, डिटेक्टिव स्टाफ सहित सभी थाना और चौकी प्रभारियों को संबोधित कर रहे थे। पुलिस उपाधीक्षक धीरज कुमार ने कहा कि रिकवरी मेमों को तैयार करते समय दोषी और गवाहों के हस्ताक्षर उसी समय कराए जाने चाहिए। पुलंदा तैयार करते समय भी सही वजन व सही समय अंकित किया जाना चाहिए। इस मौके पर पुलिस की अपराध शाखा एक प्रभारी केवल ¨सह, डिटेक्टिव स्टाफ प्रभारी राजेश कुमार, जिला कल्याण निरीक्षक निर्मल ¨सह, थाना पिहोवा प्रभारी जयनारायण शर्मा, सीआरओ शाखा के मुख्य सिपाही अनिल कुमार सहित सभी चौकी प्रभारी मौजूद रहे।

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