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तकनीकी के इस दौर में समय के साथ चलना जरूरी : सचदेवा

आधुनिक समय में तकनीकी का उपयोग बढ़ता जा रहा है। तकनीकी के इस वर्तमान दौर में सामने आ रही विभिन्न चुनौतियों को पार करने के लिए सॉफ्ट कंप्यूटिग के माध्यम से इंटेलिजेंट सिस्टम को अपनाया जा सकता है। ये बात कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कही।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 06:42 AM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 06:42 AM (IST)
तकनीकी के इस दौर में समय के साथ चलना जरूरी : सचदेवा
तकनीकी के इस दौर में समय के साथ चलना जरूरी : सचदेवा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : आधुनिक समय में तकनीकी का उपयोग बढ़ता जा रहा है। तकनीकी के इस वर्तमान दौर में सामने आ रही विभिन्न चुनौतियों को पार करने के लिए सॉफ्ट कंप्यूटिग के माध्यम से इंटेलिजेंट सिस्टम को अपनाया जा सकता है। ये बात कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने वीरवार को यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिग एंड टेक्नोलॉजी की ओर से गूगल मीट पर अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस सॉफ्ट कंप्यूटिग फार इंटेलिजेंस सिस्टम-2020 के शुभारंभ पर बतौर मुख्यातिथि व्यक्त कही।

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उन्होंने कहा कि सॉफ्ट कंप्यूटिग एक तरह से कृत्रिम इंटेलिजेंस, फुजी लॉजिक, न्यूरल नेटवर्क एवं जेनेटिक एल्गोरिथम के मिश्रण का फल है जो कृत्रिम इंटेलिजेंस की कमियों को दूर करने की क्षमता रखता है। इसका मशीन लर्निंग के साथ-साथ फुजी सिस्टम, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में भी अहम योगदान होगा। इसलिए शोधार्थी को सॉफ्ट कंप्यूटिग फॉर इंटेलिजेंस सिस्टम का अध्ययन करना चाहिए। कुवि के डीन इंजीनियरिग एंड टेक्नोलॉजी व यूआइईटी निदेशक प्रो. सीसी त्रिपाठी ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व फजी लॉजिक के माध्यम से हम वाशिग मशीन में कपड़े धोने की प्रक्रिया को और भी आसान बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह जेनेटिक एल्गोरिथम के हिसाब से कपड़े में मैल के अनुसार प्रयोग होने वाला पाउडर व समय तथा विभिन्न प्रकार के कपड़ों को सुखाने की तकनीक सेंसर के माध्यम से समय और संसाधन का समुचित उपयोग कर ऊर्जा आदि का बचाव कर सकते हैं। इसके साथ ही अपना कार्य भी सरल तरीके से कर सकते हैं। सॉफ्ट कंप्यूटिग न्यूरल नेटवर्क के माध्यम से यह मानवीय क्रियाकलापों को भी समझ सकेगा। बतौर विशिष्ट अतिथि बोलते हुए कुवि डीन रिसर्च एंड डेवलेपमेंट प्रोफेसर डा. अनिल वोहरा ने भी वर्तमान समय के अनुसार सॉफ्ट कंप्यूटिग के महत्व के बारे में बताया। कार्यशाला के सचिव डा. निखिल मारिवाला ने बताया कि इस कार्यक्रम में तकनीकी विश्वविद्यालय यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के डा. मयंक गुप्ता, बीयूईटी विवि बांग्लादेश के डा. सेलिया शहनाज व फैकल्टी सांता क्लारा विवि अमेरिका के प्रो. शिव कुमार महापाती ने भी अपना विचार प्रस्तुत किए। इस कार्यक्रम में 240 शोधपत्र प्राप्त हुए, इनमें से केवल 47 रिसर्च पेपर विषय विशेषज्ञों की कमेटी की ओर से पास किए गए। डा. दीपक सूद ने सभी का प्रतिभागियों का आभार जताया।


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