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शिवशक्ति महायज्ञ में श्रद्धालुओं ने लिया अखंड भारत की रक्षा का संकल्प

मां मोक्षदायिनी गंगाधाम ट्रस्ट ऋषिकेश-हरिद्वार के सांस्कृतिक संगठन सनातन मिशन द्वारा धर्मनगरी के थीम पार्क में आयोजित

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 10:06 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 10:06 AM (IST)
शिवशक्ति महायज्ञ में श्रद्धालुओं ने लिया अखंड भारत की रक्षा का संकल्प
शिवशक्ति महायज्ञ में श्रद्धालुओं ने लिया अखंड भारत की रक्षा का संकल्प

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

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मां मोक्षदायिनी गंगाधाम ट्रस्ट ऋषिकेश-हरिद्वार के सांस्कृतिक संगठन सनातन मिशन द्वारा धर्मनगरी के थीम पार्क में आयोजित 84वें 108 कुंडीय जनकल्याण शिवशक्ति महायज्ञ में बुधवार को पूर्णाहूति डाली गई। धर्मप्रचारक स्वामी हरिओम महाराज के सान्निध्य में 121 ब्राह्मणों द्वारा किए गए इस अनुष्ठान के समापन पर धर्मनगरी एवं आसपास से बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने यज्ञशाला की परिक्रमा की।। हवन यज्ञ से मंगलवार देर सायं महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन, मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मीडिया सलाहकार राजीव जैन, थानेसर विधायक सुभाष सुधा, एडीजीपी श्रीकांत जाधव, भाजपा जिलाध्यक्ष धर्मबीर मिर्जापुर ने महाआरती में भाग लिया।

महाआरती के पश्चात विशाल भजन संध्या की गई जिसमें स्वामी हरिओम महाराज ने श्रद्धालुओं को भजन की महिमा विस्तार से बताई। बुधवार प्रात: 6:30 बजे से आरंभ हुए हवन में पूर्णाहूति दी गई और इसी के साथ जनकल्याण की प्रार्थना भी की गई। यज्ञाचार्यों द्वारा दुर्गा सप्तशति मंत्रों सहित रुद्राष्टाध्यायी एवं श्री सूक्त, पुरुषसूक्त मंत्रों का उच्चारण किया गया। सनातन मिशन के अध्यक्ष आशुतोष गोस्वामी और महायज्ञ आयोजन समिति के अध्यक्ष कुलदीप शर्मा गोल्डी ने बताया कि अनुष्ठान संरक्षक हरिओम महाराज के सान्निध्य में अब 85वां जनकल्याण शिव शक्ति महायज्ञ अगले माह अगस्त में जींद में होगा। वही, महायज्ञ के साथ-साथ श्रीमछ्वागवत कथा को भी विश्राम दिया गया। आचार्य देवेंद्र द्विवेदी वृंदावन ने भगवान श्रीकृष्ण-सुदामा मित्रता प्रसंग और भागवत की शिक्षाएं विस्तार से बताई। महायज्ञ व श्रीमछ्वागवत कथा संपन्न होने पर श्रद्धालुओं ने व्यासपीठ की परिक्रमा करके संतों का आशीर्वाद लिया। भागवत कथा के साथ-साथ स्वामी इंद्रगिरी महाराज व अन्य संतों ने सत्य सनातन हिदू धर्म के अस्तित्व को बचाने, गोरक्षा, पर्यावरण रक्षा एवं अखंड भारत की रक्षा पर अपने-अपने प्रवचन दिए। बैरागी धर्मशाला में ब्राह्मण एवं संत पूजन के पश्चात विशाल भंडारा आयोजित किया गया।


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