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प्राचीन काल में पृथ्वी पर जल ही जल था : करुण दास

राधाकृष्ण परिवार कुरुक्षेत्र की ओर से ब्रह्मासरोवर के मेडिटेशन हॉल में आयोजित भागवत कथा में संत करुणदास महाराज गोवर्धन वाले ने कई प्रसंग विस्तार से सुनाए। मुख्य यजमान एवं आयोजक पंडित राजेश मौदगिल जरनैल सिंह सतीश गुप्ता और सचिन गुप्ता परिवार ने सर्वदेव पूजन में भाग लिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 09:03 AM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 09:03 AM (IST)
प्राचीन काल में पृथ्वी पर जल ही जल था :  करुण दास
प्राचीन काल में पृथ्वी पर जल ही जल था : करुण दास

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : राधाकृष्ण परिवार कुरुक्षेत्र की ओर से ब्रह्मासरोवर के मेडिटेशन हॉल में आयोजित भागवत कथा में संत करुणदास महाराज गोवर्धन वाले ने कई प्रसंग विस्तार से सुनाए। मुख्य यजमान एवं आयोजक पंडित राजेश मौदगिल, जरनैल सिंह, सतीश गुप्ता और सचिन गुप्ता परिवार ने सर्वदेव पूजन में भाग लिया।

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करुण दास ने कहा कि प्राचीनकाल में पृथ्वी पर चारों ओर जल ही जल था, केवल भगवान विष्णु शेषनाग की शैय्या पर सो रहे थे। उनके कान की मैल से मधु और कैटभ दो महापराक्रमी राक्षस उत्पन्न हुए। वे सोचने लगे कि हमारी उत्पत्ति का कारण क्या है। वे सोच ही रहे थे कि इतने में आकाश से गूंजता हुआ भगवती का महामंत्र उनके कानों में पड़ा। आकाशवाणी हुई कि तुम्हारी तत्पस्या से मैं प्रसन्न हूं। कोई भी वरदान मांगों। दोनों ने वरदान मांगा कि हमें कोई भी दानव व देवता पराजित न कर सके। वरदान पाकर वे अभिमानी हो गए और जीव-जंतुओं और मनुष्यों को सताने लगे। अंतत: भगवती की माया से भगवान विष्णु ने इन दोनों के मस्तकों को अपनी जांघों पर रखवाकर सुदर्शन चक्र से काट डाला। कथा की आरती में कमल भारद्वाज, जतिन गुप्ता, अंकुश गुप्ता, अभिषेक, कंवरपाल शर्मा,गोपाल शर्मा, शिवनाथ मिश्र, रमेश कौशिक, अटल शर्मा, ईशम सिंह सांवत और बंटी राजपूत शामिल रहीं।


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