जलीय जंतुओ की जानकारी में महत्वपूर्ण आइओटी : प्रो. अनुरेखा
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स साइंस विभाग की प्रोफेसर अनुरेखा ने कहा है कि इंटरनेट आफ ¨थग्स के माध्यम से जल, थल और आकाश की विभिन्न प्रकार की सूचना प्रदान करना बड़ा ही आसान है। वे बृहस्पतिवार को यूआइईटी संस्थान द्वारा डीप लर्निग और इंटरनेट ऑफ ¨थग्स विषय पर आयोजित कार्यशाला में अपने विचार व्यक्त कर रही थी।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स साइंस विभाग की प्रोफेसर अनुरेखा ने कहा है कि इंटरनेट आफ ¨थग्स के माध्यम से जल, थल और आकाश की विभिन्न प्रकार की सूचना प्रदान करना बड़ा ही आसान है। वे बृहस्पतिवार को यूआइईटी संस्थान द्वारा डीप लर्निग और इंटरनेट ऑफ ¨थग्स विषय पर आयोजित कार्यशाला में अपने विचार व्यक्त कर रही थी।
उन्होंने कहा कि जल के अंदर जीव जंतुओं के रहन-सहन व उनसे जुड़ी हर जानकारी को आइओटी के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है, क्योंकि आइओटी के सेंसर जल थल और आकाश में सही तरीके से कार्य करते है। आइआइटी रोपड़ से कंप्यूटर इंजीनिय¨रग विभाग से डॉ. दिप्ती ने कहा कि एमआरआइ और मशीन लर्निग का महत्वपूर्ण कार्य है जो केवल डीप लर्निग के माध्यम से ही संभव है। डीप लर्निंग के माध्यम से ही एमआरआइ में तत्काल परिणाम के कारण मानव कल्याण में बड़ा फायदा है। उन्होंने आइओटी के सेंसर के प्रयोग और डिवाइसीस की महत्ता को भी बताया डॉ. दिप्ती दूसरे चरण में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित कर रही थी। इस मौके पर संस्थान के निदेशक प्रो. सीसी त्रिपाठी ने कहा कि डीप लर्निंग वह संभावना है जिसमें सब कुछ संभव है इसमें उन सभी तथ्यों का गहन अध्ययन किया जाता है जो उस वस्तु की एक्सपायर होने की गुणवत्ता को निर्धारित करते है। डीप लर्निंग से ऐसे नए आयाम और शोध को बढ़ावा मिलता है। यूआइइटी इलेक्ट्रानिक्स और कंयूनिकेशन इंजीनिय¨रग के विभाग प्रमुख पुनीत बंसल ने कहा कि इसका फायदा सीधे रूप से प्रतिभागियों को मिलता है। इस मौके पर कार्यशाला संयोजिका प्रियंका जंागड़ा, दिप्ती चौधरी, सह संयोजिका रीटा दहिया, शिखा भारद्वाज, कीर्ति, एकता, प्रिया उपस्थित थे।