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अब भी नहीं जागे तो घुट जाएगा दम

पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। पिछले कई दिनों से इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। तीन दिन पहले जहां कुरुक्षेत्र की हवा में प्रदूषण का स्तर 337 के आस-पास चल रहा था आज वही बढ़कर 424 तक पहुंच गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 06:10 AM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 06:38 AM (IST)
अब भी नहीं जागे तो घुट जाएगा दम
अब भी नहीं जागे तो घुट जाएगा दम

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। पिछले कई दिनों से इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। तीन दिन पहले जहां कुरुक्षेत्र की हवा में प्रदूषण का स्तर 337 के आस-पास चल रहा था आज वही बढ़कर 424 तक पहुंच गया है। अगर इसी तरह से बढ़ोतरी होती रही तो खुली हवा में भी लोगों का दम घुटना शुरू हो जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार प्रदूषण की मात्रा 400 के पार पहुंचने पर हवा एक स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक होती है। सांस और दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए तो यह एक खतरे की घंटी है। चिकित्सकों ने इन बीमारियों से प्रभावित लोगों के घरों से बाहर निकलने से मना किया है। इसके साथ ही दूषित हवा से बचने के लिए घरों की खिड़कियां तक अच्छी तरह बंद रखने की सलाह दी जा रही है। लगातार बढ़ता जा रहा प्रदूषण का स्तर

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धर्मनगरी के पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। 28 अक्टूबर को जहां कुरुक्षेत्र में प्रदूषण का स्तर 337 था वहीं 29 अक्टूबर को बढ़कर 387 पर पहुंचा और 30 को इसकी मात्रा 388 तक पहुंच गई। इसके बाद बृहस्पतिवार को शाम चार बजे इसका स्तर 424 तक पहुंच गया है। इसके लगातार बढ़ते लेवल ने विशेषज्ञों की चिता को बढ़ा दिया है। तापमान घटने पर निचली स्तर पर तैर रहे पार्टिकुलेट मैटर

पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. नरेश भारद्वाज ने कहा कि इन दिनों में तापमान कम होना शुरू हो जाता है। तापमान घटने पर पार्टिकुलेट मैटर निचली स्तर पर इकट्ठे होने शुरू हो जाते हैं। ठंड के कारण यह ऊपर नहीं जा पाते। ऐसे में पर्यावरण के नीचले स्तर पर इसकी एक सतह बन जाती है। धूप के धरती तक ना पहुंचने पर तापमान और कम हो जाता है। ऐसे में फानों में आग लगने और दीवाली आदि के चलते एक साथ बढ़ते प्रदूषण से समस्या और बढ़ जाती है। घरों से बाहर निकलने में बरतें परहेज

छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. एनके झांब ने कहा कि इस तरह के मौसम में सांस के रोगियों को घर से बाहर निकलने में परहेज रखना चाहिए। अगर मजबूरी में निकलना भी पड़े तो मास्क लगाकर रखें। प्रदूषण के बढ़ते लेवल को देखते हुए एक स्वस्थ व्यक्ति को भी बाहर निकलने से बचना चाहिए। जिनकी आंखों में जलन होती है उन्हें भी सावधानी बरतने की जरूरत है। इन दिनों में खाने-पीने का ध्यान रखें और पानी ज्यादा पीएं।


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