मैने अपना चिराग खोया मुझे सुसाइड नोट भी नहीं दिखा रही पुलिस..
कोई 14 साल का बच्चा अपने सुसाइड नोट में इतनी बड़ी-कोई 14 साल का बच्चा अपने सुसाइड नोट में इतनी बड़ी-बड़ी बातें नहीं लिख सकता, मेरा बेटा अभी इतना भी सयाना नहीं हुआ था कि वो ऐसा लिख सके। मैं बार-बार कह रहा हूं कि मेरे बेटे ने सुसाइड नहीं किया है। उसकी हत्या हुई है। पुलिस प्रशासन पुरी तरह से दबाव में हैं। इतनी बड़ी संस्था है। सरकार में हाथ है इसलिए मुझ गरीब की कौन सुनेगा। साफ दिख रहा है कि पुलिस कितने दबाव में है। सुसाइड नोट दो दिन बाद पुलिस को मिला है। मेरे कहने के बाद भी मुझे नहीं भेजा जा रहा। वाट्सएप पर मैं मांग रहा हूं, लेकिन पुलिस कह रही है कि आकर देखकर जा। मैने अपने घर का चिराग खोया है क्या पुलिस मुझे इतना अधिकार भी नहीं देगी कि मैं उसका सुसाइड नोट देख सकूं। मैने भी अखबारों में ही पढ़ा है कि क्या लिखा है। यह कहना है कि गुरुकुल कुरुक्षेत्र में आत्महत्या करने वाले छात्र जतिन के पिता शशी कुमार का।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
कोई 14 साल का बच्चा अपने सुसाइड नोट में इतनी बड़ी-बड़ी बातें नहीं लिख सकता, मेरा बेटा अभी इतना भी सयाना नहीं हुआ था कि वो ऐसा लिख सके। मैं बार-बार कह रहा हूं कि मेरे बेटे ने सुसाइड नहीं किया है। उसकी हत्या हुई है। पुलिस प्रशासन पुरी तरह से दबाव में हैं। इतनी बड़ी संस्था है। सरकार में हाथ है इसलिए मुझ गरीब की कौन सुनेगा। साफ दिख रहा है कि पुलिस कितने दबाव में है। सुसाइड नोट दो दिन बाद पुलिस को मिला है। मेरे कहने के बाद भी मुझे नहीं भेजा जा रहा। वाट्सएप पर मैं मांग रहा हूं, लेकिन पुलिस कह रही है कि आकर देखकर जा। मैने अपने घर का चिराग खोया है क्या पुलिस मुझे इतना अधिकार भी नहीं देगी कि मैं उसका सुसाइड नोट देख सकूं। मैने भी अखबारों में ही पढ़ा है कि क्या लिखा है। यह कहना है कि गुरुकुल कुरुक्षेत्र में आत्महत्या करने वाले छात्र जतिन के पिता शशी कुमार का।
जतिन ने फोन पर बताया कि उन्होंने पढ़ने के लिए अपने बेटे को गुरुकुल में भेजा था। मैं एक साधारण छोटा सा किसान हूं। अपना पेट काटकर गुरुकुल की महंगी फीस भरता था ताकि हमारे बच्चों का भविष्य बन सके। मेरे बेटा खुद चाहता था कि वह गुरुकुल में पढ़े। तीन बार प्रवेश परीक्षा दी थी जतिन ने। दाखिला होने से पूर्व वर्ष में दो अंकों से दाखिला रह गया था। उसके बाद दोबारा जतिन ने कोशिश की। सुसाइड नोट को भेजा है मधुबन लैब में : कुलदीप मामले की जांच कर रहे थर्ड गेट चौकी प्रभारी कुलदीप ने बताया कि मामले की वे जांच कर रहे हैं। सुसाइड नोट कापी में लिखा गया था। उसे फाड़ा नहीं गया था। जब एक-एक कॉपी चेक की तो पता चला। सुसाइड नोट मधुबन फोरेंसिक लैब में भेजा गया है। वहां जांच के बाद ही पता चलेगा कि लिखावट उसी की है या किसी ओर की। पिता के साथ गुरुकुल की पूरी हमदर्दी, जांच में पूरा सहयोगी होगा गुरुकुल : कुलवंत सैनी गुरुकुल के प्रधान कुलवंत सैनी ने कहा कि एक पिता ने पुत्र खोया है। गुरुकुल ने भी एक होनहार छात्र खोया है। जतिन के पिता के साथ गुरुकुल की पूरी हमदर्दी है। गुरुकुल प्रशासन जांच में पूर्ण सहयोग देने के लिए तैयार है। कमरे की चाबी उसी दिन से पुलिस के पास है।