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हुस्न को चांद जवानी को कंवल कहते हैं..

हुस्न को चांद जवानी को कंवल कहते हैं उनकी मूरत नजर आए तो गजल कहते हैं उफ ये मलमल सा तराशा हुआ संगेमरमर सा बदन देखने वाले इसे ताजमहल कहते हैं यह गजल मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर की भरतमुनि रंगशाला में आयोजित गजल संध्या में गजल गायिका रोली बरुआ ने गुनगुनाई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 07:10 AM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 07:10 AM (IST)
हुस्न को चांद जवानी को कंवल कहते हैं..
हुस्न को चांद जवानी को कंवल कहते हैं..

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : हुस्न को चांद जवानी को कंवल कहते हैं, उनकी मूरत नजर आए तो गजल कहते हैं, उफ ये मलमल सा तराशा हुआ संगेमरमर सा बदन, देखने वाले इसे ताजमहल कहते हैं, यह गजल मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर की भरतमुनि रंगशाला में आयोजित गजल संध्या में गजल गायिका रोली बरुआ ने गुनगुनाई। इस अवसर पर सेवानिवृत रेडियो उद्घोषक अनिल भटनागर बतौर मुख्यअतिथि पहुंचे। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता भारत विकास परिषद अध्यक्ष रजनीश ने की। कार्यक्रम में मंच का संचालन विकास शर्मा द्वारा किया गया। गजल संध्या से पूर्व ओपन माईक कार्यक्रम में संदीप कुमार ने अपनी कविताओं से समां बांधा। वहीं सुनील ग्रोवर ने गीत सुनाकर माहौल को खुशनूमा बनाया। इसके बाद रोली बरुआ ने तू साचा साहिब मेरा कर्म करे कृपा निहारु सुनाकर कार्यक्रम का आगाज किया। मुख्यातिथि अनिल भटनागर ने कहा कि संगीत मानव के लिए प्राण है। वहीं मैक के कार्यालय प्रमुख धर्मपाल गुगलानी ने मुख्यातिथि को तुलसी का पौधा भेंट किया।

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