मानव व्यवहार, स्वभाव को सूक्ष्म व मनोवैज्ञानिक तरीके से समझाया
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन शोध केंद्र की ओर से मानव संसाधन विकास केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे अल्पकालीन कोर्स के पांचवें दिन की शुरुआत पिछले दिन की फीडबैक से हुई।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन शोध केंद्र की ओर से मानव संसाधन विकास केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे अल्पकालीन कोर्स के पांचवें दिन की शुरुआत पिछले दिन की फीडबैक से हुई। प्रो. सुदेश ने मुख्य वक्ता महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक के मनोविज्ञान विभाग की प्रो.सोनिया मलिक का स्वागत किया व प्रतिभागियों को उनका परिचय करवाया। प्रो.सोनिया मलिक ने मानव व्यवहार, स्वभाव को बहुत सूक्ष्म व मनोवैज्ञानिक तरीके से समझाया। उन्होंने अपने व्याख्यान में बताया कि कोई भी दो व्यक्ति एक जैसे नहीं होते। सबमें भिन्नता और खासियत होती है। उन्होंने बताया कि मानव व्ववहार को मनोवैज्ञानिक तरीके से समझना चाहिए।
विशेषकर अध्यापकों को अपने विद्याíथयों के व्यवहार, उनकी परेशानी, उनकी रुचि को समझना चाहिए। विद्याíथयों की समस्याओं को समझकर उनका समाधान कर समाज में अपना पूरा योगदान देना चाहिए। उन्होंने विभिन्न एक्सरसाइज करवा कर बताया कि कैसे हम तनाव से दूर हो सकते हैं।
दूसरे सत्र में भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय से प्रो.इशिता बंसल ने मानव संसाधन प्रबंधन विषय पर अपना व्याख्यान दिया तथा च्वलंत प्रश्न उठाया कि उच्चतर शिक्षा में महिलाएं उच्च प्रशासनिक पदों पर आसीन क्यों नहीं है। महिला विश्वविद्यालय में ही वाइस चांसलर के पद पर ही महिला है। कुछ गिने चुने ही विश्वविद्यालय है, जिसमें उप कुलपति के पद पर महिलाएं हैं। इसी तरह डीन, कुलसचिव, यूजीसी की चेयरपर्सन के रूप में महिलाओं की भागीदारी काफी कम है। इसके पीछे क्या कारण है। हमें मंथन करना होगा। महिला अध्ययन शोध केंद्र की निदेषिका प्रो. सुदेश, प्रो. नीरा वर्मा, डॉ.वंदना दवे उपस्थित रहे।