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एचएसवीपी ले जनस्वास्थ्य विभाग से ले सीख, यहां समय सीमा में समाधान

जनस्वास्थ्य विभाग के पास पानी व सीवर से संबंधित कोई भी शिकायत पहुंचती है तो उसका 24 घंटे से 72 घंटे के बीच निपटान करना होता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 07:30 AM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 07:30 AM (IST)
एचएसवीपी ले जनस्वास्थ्य विभाग से ले सीख, यहां समय सीमा में समाधान
एचएसवीपी ले जनस्वास्थ्य विभाग से ले सीख, यहां समय सीमा में समाधान

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सेक्टर तीन में फैले पीलिया पर काबू पाने के लिए एचएसवीपी को जनस्वास्थ्य विभाग से सीख लेने की जरूरत है। जनस्वास्थ्य विभाग की तरह तुरंत एक्शन में आ कर पीलिया पर काबू पाया जा सकता है।

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जनस्वास्थ्य विभाग के पास पानी व सीवर से संबंधित कोई भी शिकायत पहुंचती है तो उसका 24 घंटे से 72 घंटे के बीच निपटान करना होता है। इसके लिए विभाग ने टोल फ्री नंबर व ऐप भी जारी किया हुआ है। इसमें लापरवाही करने वाले अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई सुनिश्चित है। विभाग के मुख्यालय से शिकायतकर्ता को फोन कर संतुष्ट होने या न होने के बारे में पुष्टि की जाती है, जबकि यह सुविधाओं एचएसवीपी के पास होने के बावजूद इन पर तुरंत कार्रवाई नहीं होती। यही कारण है कि सेक्टर तीन फैले पीलिया पर 15 दिन बाद भी दूषित पेयजल की आपूर्ति रूक नहीं रही है।

पिछले 15 दिनों से सेक्टर तीन में दूषित पेयजल की आपूर्ति को रोकने में एचएसवीपी नाकाम साबित हो रहा है। सेक्टर में जगह-जगह लीकेज के बारे में भी वह सुराग नहीं लगा पा रहा, यह कार्य भी स्वास्थ्य विभाग की टीम कर रही है। टीम लीकेज के बारे में एचएसवीपी को सूचित करती, तब कहीं उसे दुरुस्त किया जाता है। सेक्टर तीन के साथ अब अन्य सेक्टरों में भी धीरे-धीरे पीलिया अपने पैर फैला रहा है। एचएसवीपी नहीं लेता पानी के सैंपल

सेक्टर वासी रमेश कुमार गिरधर का कहना है कि एचएसवीपी पानी के सैंपल नहीं लेता, जिसका परिणाम अब पीलिया के रूप में सामने आ गया है। अगर समय रहते पानी के सैंपल लिए होते तो यह स्थिति नहीं बनती। पानी पीने से लग रहा है डर

सेक्टर 30 निवासी रघुबीर सिंह का कहना है कि अब तक पानी पीने से भी डर लग रहा है कि कहीं पीलिया न हो जाए। एचएसपीवी की ओर से अब पानी में क्लोरीन डाली जा रही है, मगर आए दिन पलिया के नए केस आ रहे हैं। टोल फ्री नंबर पर दी जा सकती है शिकायत

जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से पानी व सीवर की शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर जारी किया गया है। जो सीधे मुख्यालय से अटैच है। मुख्यालय से ही जिला कार्यालय में शिकायतें भेजी जाती है। इन शिकायतों को तक बंद नहीं किया जाता, जब तक शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं होता। एचएसपीवी में भी ऐसी सुविधा तो है, मगर इस पर तुरंत संज्ञान नहीं लिया जाता। लोगों को सीवर लाइनों की सफाई के लिए महीनों चक्कर लगाने पड़ते हैं। हर माह आती है लगभग 80 शिकायतें

जनस्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन अरविद रोहिला का कहना है कि प्रत्येक माह विभाग के पास विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 80 शिकायत पहुंचती हैं। ये शिकायतें ट्रोल फ्री नंबर, सरल पोर्टल, सीएम विडो व कंप्लेंट सेंटर पर होती हैं। जिन्हें 24 घंटे के अंदर हल कर दिया जाता है। विभाग की टीम रोजाना ऐसे कनेक्शनों की जांच करता है, जहां लीकेज हो। इसके साथ ही मानसून सीजन व इससे बाद विभिन्न क्षेत्रों से रोजाना पेयजल के सैंपल लिए जाते हैं। पिछले चार माह में जनस्वास्थ्य विभाग ने लिए पानी के 1416 सैंपल

जनस्वास्थ्य विभाग ने लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 1416 सैंपल लिए हैं। जिनमें से केवल 88 सैंपल फेल आए हैं। ये सभी सैंपल बैक्ट्रालॉजिकल टेस्ट थे।


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