घंटों आमने-सामने जाट, प्रशासन के हाथ पांव फूले
जाट धर्मशाला-सभा में प्रधानी विवाद को लेकर शुक्रवार को दिन भर तनाव की स्थिति रही।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जाट धर्मशाला-सभा में प्रधानी विवाद को लेकर शुक्रवार को दिन भर तनाव की स्थिति रही। सैकड़ों की संख्या में जाट समाज के लोगों के पहुंचने और बहस शुरू होते ही प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। आनन फानन में सुरक्षा बल को तैनात किया गया। कई बार लोगों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन वह नहीं मानें। करीब साढ़े तीन बजे डीसी और एसपी मौके पर पहुंचे। उन्होंने धर्मशाला में डटे लोगों को बाहर निकाला। मौके को देखते हुए एसपी सुरेंद्र ने पुलिसकर्मियों के साथ धर्मशाला की तलाशी शुरू कर दी। वहां पर रखे डंडे और बिंडे बरामद किए और उन्हें पुलिसकर्मी अपने साथ ले गए। इसके बाद करीब पांच बजे दोनों पक्षों के लोगों से धर्मशाला के अंदर बात की। दोनों पक्षों को समझाते हुए डीसी डॉ. एसएस फुलिया ने कहा कि शनिवार को सुबह 11 बजे कार्यालय में दोनों पक्षों के 10-10 लोग आएंगे। वहां बात होगी और जो भी सहमति बनेगी उसे दोनों पक्षों को मानना होगा। उनके जाने के बाद भी विवाद खत्म नहीं हुआ। धर्मशाला के अंदर कर्मबीर गुट के डटे थे और बाहर अंग्रेज गुट ने भी धरना शुरू कर दिया। देर रात तक धर्मशाला के अंदर और बाहर सुरक्षा बल तैनात रहा।
अंग्रेज गुट के पहले ही धर्मशाला में बैठक के ऐलान के बाद शुक्रवार सुबह ही सुरक्षा बल तैनात हो गया। मामले की गंभरीता को देखते हुए दिन भर पूरा प्रशासनिक अमला, रेपिड एक्शन फोर्स की टुकड़ी और पुलिस बल के साथ धर्मशाला में डटा रहा। स्थिति बिगड़ने पर दोपहर बाद डीसी डॉ. एसएस फुलिया और पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र पाल ¨सह ने तनाव को टालने के लिए डंडे और ¨बडे लहरा रहे युवाओं को धर्मशाला से बाहर करवाया। बैठक के लिए हॉल में एकजुट हुआ अंग्रेज सिंह गुट
सुबह करीब 10 बजे अंग्रेज सिंह गुट के समर्थक धर्मशाला हॉल में एकजुट हुए। वहां पर 11 बजे से करीब डेढ़ बजे तक बैठक चली। उसमे निर्णय लिया गया कि आपसी भाईचारा के साथ कर्मबीर गुट से विवाद खत्म करने को कहा जाएगा। लेकिन नीचे आते ही विवाद बढ़ गया और एक दूसरे को बाहर निकालने की बात शुरू हो गई। बीच-बचाव करती रही पुलिस
दोनों गुटों के आमने-सामने होने पर झगड़े की नौबत आई तो पुलिस ने कड़ी मशक्कत से मामले को काबू किया। पुलिस के बीच बचाव करने पर अंग्रेज ¨सह ने दूसरे धड़े को बाहर करने की मांग करते हुए वहीं बैठ कर धरना शुरू कर दिया। लगभग एक बजे से लेकर चार बजे तक दोनों धड़े आमने-सामने डटे रहे और एक दूसरे पर डंडे व हथियार एकत्रित करने का आरोप लगाते रहे। कई बार दोनों ओर के युवाओं के ¨बडे लहराते हुए एक-दूसरे को ललकारने पर वह उलझते-उलझते बचे। धर्मशाला में जुटा जिले भर का प्रशासनिक अमला
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम एवं धर्मशाला प्रशासक अनिल यादव व तहसीलदार टीका राम सुबह ही धर्मशाला पहुंच गए थे। इसके बाद खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी विकास कुमार, शाहाबाद एसडीएम सतबीर कुंडू, तीन पुलिस उपअधीक्षक गुरमेल ¨सह, राज ¨सह और धीरज कुमार सहित कई थानों के प्रभारी और रेपिड एक्शन फोर्स की एक टुकड़ी मौजूद रही। स्थिति काबू में न आने पर अतिरिक्त उपायुक्त अनिश यादव, नगराधीश संयम गर्ग भी मौके पर पहुंचे। इतना ही नहीं चार बजे के लगभग तनाव बढ़ने पर उपायुक्त डॉ. एसएस फुलिया और पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र पाल ¨सह भी मौके पर पहुंचे। दिन भर हेलमेट पहन तैयार रहे पुलिस कर्मी
तनाव को देखते हुए सुबह से शाम तक पुलिस कर्मचारी और रेपिड एक्शन फोर्स हेलमेट व जैकेट पहने तैयार रही। इसके साथ ही मौके पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी व आंसू गैस के गोले छोड़ने वाली गन भी मंगवाई गई। इसके साथ ही धोषणा करने के लिए माइक भी मंगवाया गया। धर्मशाला में युवाओं की भीड़ को बढ़ते देख एक बार धर्मशाला का मुख्य द्वार तक बंद कर दिया। यह है मामला
जाट धर्मशाला-सभा प्रधानी को लेकर पिछले कई साल से खींचतान चल रही है। इसी खींचतान के चलते साल 2015 में भी धर्मशाला में प्रशासक नियुक्त करना पड़ा था, लेकिन इस समय भी प्रशासक सोसायटी एक्ट के तहत चुनाव नहीं करवा पाया था। इसके बाद एक एडहॉक कमेटी ने साल 2017 तक धर्मशाला का कार्यभार संभाला। इस कमेटी अध्यक्ष द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद चार अप्रैल को आयोजित हुई बैठक में अंग्रेज ¨सह की कार्यकारिणी का गठन किया गया। इसके बाद 20 जुलाई को धर्मशाला में हुई बैठक में कर्मबीर ¨सह की कार्यकारिणी का गठन किया गया। इसी दिन से कर्मबीर ¨सह समर्थक धर्मशाला में डटे हुए हैं और अपनी मांगों को लेकर धरने पर हैं दूसरी ओर अंग्रेज ¨सह समर्थक उन्हें बाहर करने और प्रशासक के कामकाज संभालने की मांग कर रहे हैं। एसपी व डीसी के पहुंचते ही 10 मिनट में माहौल शांत
एसपी सुरेंद्र पाल ¨सह व उपायुक्त डॉ. एसएस फुलिया के धर्मशाला पहुंचते ही 10 मिनट में माहौल शांत हो गया। पुलिस अधीक्षक ने पहुंचते ही दोनों और शरारती तत्वों ओर युवाओं को बाहर करने के निर्देश दिए। सख्त निर्देश मिलने पर वीआईपी कमरों की ओर से युवाओं के कई झुंड बाहर निकले।