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बरसात के कारण लोगों को गर्मी से राहत

बृहस्पतिवार को बारिश होने के बाद तापमान में कमी आने से लोगों को मामूली ही लेकिन गर्मी से राहत मिली है। पिछले कुछ दिनों से ज्यादा तापमान और उमस की वजह से लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही थी। वहीं मौसम विभाग नौ जुलाई तक बारिश होने की संभावना जता रहा है। इससे लोगों को गर्मी से राहत मिल सकती है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jul 2019 08:00 AM (IST)Updated: Sat, 06 Jul 2019 08:00 AM (IST)
बरसात के कारण लोगों को गर्मी से राहत
बरसात के कारण लोगों को गर्मी से राहत

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: बृहस्पतिवार को बारिश होने के बाद तापमान में कमी आने से लोगों को मामूली ही लेकिन गर्मी से राहत मिली है। पिछले कुछ दिनों से ज्यादा तापमान और उमस की वजह से लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही थी। वहीं मौसम विभाग नौ जुलाई तक बारिश होने की संभावना जता रहा है। इससे लोगों को गर्मी से राहत मिल सकती है। अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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बृहस्पतिवार को बारिश होने के बाद न्यूनतम और अधिकतम तापमान में कमी आने से लोगों को गर्मी से राहत मिली। मगर उमस का प्रभाव जारी रहा। बारिश के बाद धूप निकलने के कारण उमस ने लोगों को ज्यादा परेशान किया। वहीं मौसम विभाग अगले कुछ दिन तक बारिश और आसमान पर बादल छाने की संभावना जता रहा है, जिससे आम लोगों के साथ-साथ किसान भी आसमान की ओर टकटकी लगाकर देख रहे हैं। इस्माईलाबाद संवाद सहयोगी के अनुसार किसान आसमान पर ही टकटकी लगाए हुए हैं। अधिकांश किसान ऐसे हैं जो कि बरसात न होने के चलते धान रोपण का काम निपटा नहीं पाए हैं। अगले दो दिन में झमाझम बरसात के आसार बताए जा रहे हैं। ऐसे में किसानों ने मजदूरों का पूर्व प्रबंध कर लिया है। अब किसानों को केवल इंद्र देवता की कृपा की आस है। धान रोपण का समय लगभग निकलता जा रहा है। समय पर रोपण न होने से पैदावार पर विपरीत असर पड़ता है। इस बार बरसात की देरी ने किसानों का तानाबाना बिगाड़ दिया है। चार जून को मौसम ने करवट बदली है। आसमान में बादल तो घुम्मड़ रहे हैं मगर बरसात नहीं हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिन में बरसात होने की आस है। किसानों का कहना है कि एक अच्छी बरसात से के बाद ही रोपण का काम निपट पाएगा। बिजली के सहारे किसान रोपित धान की सिचाई भी नहीं कर पा रहे हैं। ऐसी धान को भी केवल बरसात का ही सहारा है। दिन में पारा लुढ़कने के कारण किसान कुछ राहत महसूस कर रहे हैं मगर पूरी तरह से राहत केवल बरसात ही दे सकती है। वहीं मौसम में बदलाव से सुनसान जगहों पर चहल पहल दिखने लगी है। जिससे बाजार में दुकानदारों के चेहरे पर रौनक लौटी है।


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