मर्चेंट नेवी के सेकेंड आफिसर से बाइक सवारों ने मोबाइल छीना, कंट्रोल रूम में पुलिस ने नहीं उठाया फोन
मर्चेंट नेवी के सेकेंड आफिसर प्रदीप कुमार से रात करीब सवा 12 बजे जगाधरी यमुनानगर रेलवे स्टेशन के बाहर बाइक सवार दो युवकों ने मोबाइल फोन छीन लिया। घर पहुंच कर उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम में 100 नंबर पर फोन किया परंतु किसी कर्मचारी ने फोन नहीं उठाया। बाद में पुलिस ने शिकायत के आधार पर दो युवकों पर केस दर्ज कर लिया।
- छह महीने बाद ड्यूटी से घर लौट रहे थे रामपुरा के प्रदीप कुमार
- आरोपितों ने आफिसर का सामान व दस्तावेज छीनने का भी प्रयास किया
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : मर्चेंट नेवी के सेकेंड आफिसर प्रदीप कुमार से रात करीब सवा 12 बजे जगाधरी यमुनानगर रेलवे स्टेशन के बाहर बाइक सवार दो युवकों ने मोबाइल फोन छीन लिया। घर पहुंच कर उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम में 100 नंबर पर फोन किया परंतु किसी कर्मचारी ने फोन नहीं उठाया। बाद में पुलिस ने शिकायत के आधार पर दो युवकों पर केस दर्ज कर लिया।
मर्चेंट नेवी में सेकेंड आफिसर प्रदीप कुमार छह महीने बाद छुट्टी पर घर लौट रहे थे। क्योंकि छह महीने के लिए वे बाहर रहते हैं।ये समय पानी के जहाज पर ही गुजरता है। वे मुंबई से ट्रेन में बैठ कर घर लौट रहे थे। मंगलवार रात करीब सवा बारह बजे यमुनानगर रेलवे स्टेशन से उन्होंने घर के लिए रिक्शा ली। प्रदीप कुमार ने बताया कि वे रिक्शा लेकर घर फोन कर सूचना दे रहे थे कि स्टेशन पर पहुंच गया हूं। कुछ देर में घर पहुंच जाउंगा। इसके बाद आफिस फोन करने लग गया। तभी पीछे से बाइक पर दो लड़के आए और उसका बैग व अन्य दस्तावेज छीनने लगे, लेकिन जब वे कामयाब नहीं हुआ तो आरोपित उसके हाथ से मोबाइल छीन कर फरार हो गए।
प्रदीप ने बताया कि घर पहुंच कर उसने सारी बात परिजनों को बताई। घर के मोबाइल नंबर से पुलिस कंट्रोल रूम में 100 नंबर पर कई बार फोन किया। परंतु ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद वह अपने पिता सतीश कुमार को साथ लेकर थाना शहर यमुनानगर में गया। वहां पर उसने अपनी शिकायत दी। थाने से लौटते वक्त उन्हें फव्वारा चौक पर पीसीआर वैन खड़ी मिली। उसने पुलिसकर्मियों को भी अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया।
15 साल का युवक बैठा था बाइक पर:
जिन दो ने मोबाइल फोन छीना, उनमें से बाइक चालक ने अपने मुंह पर कपड़ा बांध रखा था। प्रदीप कुमार का कहना है कि जो लड़का पीछे बैठा था, वो करीब 15 साल का होगा। वह देखने में ऐसा लग रहा था जैसे डेहा बस्ती के लड़के होते हैं। बाइक भी काले रंग की पुरानी यामहा लग रही थी। उस वक्त काफी अंधेरा था, इसलिए उन्हें स्पष्ट देख नहीं पाया। कोई भी सुरक्षित नहीं :
यह घटना घटने के बाद प्रदीप का कहना है कि इससे तो लगता है कि शहर में कोई भी सुरक्षित नहीं है। इतने दिनों बाद घर लौटने पर वह उत्सुक था। उसे मोबाइल फोन छीने जाने का डर नहीं है लेकिन आरोपित हमला भी कर सकते थे। उसकी जगह यदि कोई महिला होती तो वे न केवल उसकी ज्वेलरी, बल्कि सामान ले जाने में भी कामयाब हो जाते। उसने हिम्मत दिखाते हुए अपना सामान बचा लिया। एक बैग उसकी कमर पर था। जिसमें उसका इंटरनेशनल पासपोर्ट व अन्य दस्तावेज था। थाना शहर यमुनानगर के एएसआइ दल ¨सह का कहना है कि प्रदीप कुमार की शिकायत केस दर्ज की पुष्टि की है।