हरपाल सिंह बने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के प्रबंधन बोर्ड के सदस्य
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : गांव भौर संयैदा के सरदार हरपाल ¨सह बाजवा को चौधरी चरण ¨स
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
गांव भौर संयैदा के सरदार हरपाल ¨सह बाजवा को चौधरी चरण ¨सह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के प्रबंधन बोर्ड के सदस्य के रूप में मनोनित किया गया है। उन्हें यह उपलब्धि उनके अथक प्रयास व मेहनत के कारण प्राप्त हुई। सरदार बाजवा ने मशरूम की ऐसी प्रयोगशाला स्थापित की है, जिसकी गुणवत्ता की ख्याति देश में ही नहीं बल्कि विदेशों तक है।
कृषि विज्ञान केंद्र कुरुक्षेत्र के वरिष्ठ संयोजक डॉ. हरिओम ने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सरदार बाजवा के पास 12 एकड़ जमीन है। उन्होंने 1995 में परंपरागत खेती से हटकर कुछ अलग करने का संकल्प लिया। इसके लिए उन्होंने मशरूम की खेती के लिए कृषि विज्ञान केंद्र कुरुक्षेत्र से प्रशिक्षण लिया। वर्ष 2010 तक लगभग 100 किसानों का समूह बनाया और मशरूम सोसायटी बनाकर दूसरे छोटे व मध्यम किसानों की इस खेती के लिए सहायता करते रहे। 2010 के बाद उन्होंने मशरूम पैदा करने के लिए स्वयं ही खाद व बीज पैदा करने के बारे में सोचा व 2011-12 में 5 हजार क्विंटल पॉस्च्यूराइज्ड खाद तैयार कर मशरूम पैदा की, जिससे उन्हें 3.75 लाख रुपये की आमदनी हुई। वे लगातार हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार, कृषि विभाग, उधान विभाग व मशरूम निदेशालय सोलन के संपर्क में रहे। वर्ष 2015-16 में उन्होंने 25 हजार ¨क्वटल खाद पर मशरूम की खेती की व किसानों को उचित मूल्य पर खाद बांटी, जिससे उन्हें 25 लाख रुपए की आमदनी हुई। वर्ष 2012 में उन्होंने मशरूम का बीज पैदा करने के लिए आधुनिक प्रयोगशाला स्थापित की जिससे 2012-13 में 460 क्विंटल बीज का उत्पादन हुआ, जो 2015-16 में 1350 क्विंटल हो गया। यह बीज हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर व उत्तर प्रदेश के किसानों को उपलब्ध करवाया गया। सरदार बाजवा ने ज्यादा पैदावार देने वाली किस्म एग्रीक्स बिस्पोरस को अमेरिका व बेल्जियम से आयात किया। सरदार हरपाल ने बताया कि वे ऐसे लोगों की मदद करते हैं, जो भूमिहीन, अनुसूचित जाति व बेरोजगार हैं।