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शिक्षा और संस्कारों से सुसंस्कृत होता है मनुष्य : सुरेश सोनी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी ने कहा

By Edited By: Published: Wed, 22 Feb 2017 02:02 AM (IST)Updated: Wed, 22 Feb 2017 02:02 AM (IST)
शिक्षा और संस्कारों से सुसंस्कृत होता है मनुष्य : सुरेश सोनी
शिक्षा और संस्कारों से सुसंस्कृत होता है मनुष्य : सुरेश सोनी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी ने कहा कि शिक्षा और संस्कृति के माध्यम से ही जीवन मूल्यों, जीवन दृष्टि का निर्माण होता है। इसके सहारे जब हम व्यवहार करते हैं तो उसमें आगे चलकर संस्कृति का निर्माण होता है। इस दृष्टि से हमारे देश में शिक्षा का उद्देश्य केवल मनोरंजन या आजीविका मात्र नहीं बल्कि इसका अंतिम उद्देश्य पूर्णता है।

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वे मंगलवार को विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान में 'अखिल भारतीय कार्यशाला आयोजन समीक्षा बैठक' के बौद्धिक सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में देशभर से आए जिला संयोजक, प्रांत संयोजक एवं क्षेत्रीय संयोजकों को संबोधित कर रहे थे।

सुरेश सोनी ने कहा कि जन्म से मनुष्य प्राकृत रहता है। शिक्षा और संस्कारों से सुसंस्कृत होता है। इस नाते भारत की परम्परा में शिक्षा संस्कार दोनों का अप्रतिम महत्व रहा है। समाज, संस्कृति एवं देश बोध पर विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि जब तक समाज नहीं है, तब तक भूमि का अर्थ नहीं। जिस धरती पर वह समाज रहकर जिन भावनाओं के साथ वह जुड़ा है, यह भाव दृष्टि, जिसमें उत्पन्न होती है, वही संस्कृति है। इसलिए संस्कृति बोध होना आवश्यक है। इस नाते सारी क्रिया के अंदर विविध प्रकार के कार्यक्रमों में देशबोध, समाज बोध एवं संस्कृति बोध उत्पन्न हो, इस प्रक्रिया पर विचार करना चाहिए। ऐसा होने से उसमें पवित्रता का बोध आ जाता है।

उनके साथ मंचासीन विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के अध्यक्ष गो¨वद प्रसाद शर्मा, महामंत्री ललित बिहारी गोस्वामी, विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के निदेशक डॉ. रामेंद्र ¨सह थे। कार्यक्रम में राष्ट्रीय संगठन मंत्री जेएम काशीपति, संगठन सचिव श्रीराम आरावकर, कोषाध्यक्ष जैनपाल जैन, मंत्री श्री हेमचंद्र, शोध निदेशक डॉ. हिम्मत ¨सह सिन्हा भी उपस्थित रहे।

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विद्या भारती करता है सबके लिए कार्य : जोशी

इससे पूर्व प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में सांस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक गिरीश जोशी, विद्या भारती के संरक्षक पद्मश्री ब्रह्मदेव शर्मा एवं विद्या भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. गो¨वद प्रसाद शर्मा मंचासीन रहे। गिरीश जोशी ने सीसीआरटी द्वारा चलाए जा रहे शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र की जानकारी देते हुए कहा कि विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान का संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से कार्यशालाएं आयोजित करने का यह प्रयास सराहनीय है। उन्होंने कहा कि कुछ जगह शंका थी कि विद्या भारती एक विचारधारा को लेकर चलती है, लेकिन देशभर में कार्यशालाएं आयोजित होने से यह शंका दूर हुई है। विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान समाज में सबके लिए कार्य करता है।

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पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुत की गई सभी प्रदेशों की रिपोर्टिंग

अलग-अलग राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने अपने जिलों में हुई कार्यशालाओं का वृत्त निवेदन प्रस्तुत किया एवं कार्यशालाओं से मिली उपलब्धियों एवं उन अनुभवों को सबके सम्मुख सांझा किया।

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कार्यशाला वृत्तचित्र, मोबाइल एप एवं पुस्तक का विमोचन

विद्यालयों की वंदना सभा के लिए एवं वार्षिक गीत से युक्त मोबाइल एप्लीकेशन का विमोचन आरएसएस के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी ने किया जबकि प्रात:कालीन सत्र में चारों कार्यशालाओं पर आधारित चार डाक्यूमेंट्री फिल्मों का विमोचन संस्कृति मंत्रालय के सांस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक गिरीश जोशी ने किया।


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