नाबालिग का साथ देना युवक की जान पर पड़ रहा भारी
एक नाबालिग से छेड़छाड़ करने वाले युवकों के खिलाफ कार्रवाई में पीड़ित परिवार को सहयोग करना एक युवक की ¨जदगी पर भारी पड़ रहा है।
संवाद सहयोगी, पिहोवा : एक नाबालिग से छेड़छाड़ करने वाले युवकों के खिलाफ कार्रवाई में पीड़ित परिवार को सहयोग करना एक युवक की ¨जदगी पर भारी पड़ रहा है। छेड़छाड़ के आरोपित युवकों ने हालात ऐसे बना दिए हैं कि पीड़ित परिवार की मदद करने वाले युवक को गांव से बाहर कर दिया गया है। इस बात से परेशान आए युवक ने जहर खाकर आत्महत्या तक के लिए मजबूर होना पड़ा है। पुलिस द्वारा एक तरफा कार्रवाई से आहत युवक इंसाफ पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। क्या है मामला
किसान विश्राम गृह में पत्रकारों को आपबीती सुनाते हुए युवक ने कहा कि वह काम के सिलसिले में 3-4 वर्ष पूर्व पिहोवा में एक किराये के कमरे में आकर रहने लगा था। धीर-धीरे मकान मालिकों से उसके घरेलू संबंध बन गए थे। लगभग छह माह पूर्व मकान मालिकों की नाबालिग लड़की से कुछ युवकों ने छेड़खानी की थी। जिसमें उसने कानूनी कार्रवाई कराने के लिए अपने मकान मालिकों का साथ दिया था। उस केस का निपटारा तो पंचायती तौर पर हो गया था, लेकिन बदकिस्मती ने उसका दामन उसी दिन से पकड़ लिया।लड़की से छेड़छाड़ के आरोपित युवक उससे रंजिश रखने लगे थे तथा उन्होंने कई बार आते-जाते उसका रास्ता रोककर उसे जान से मारने की धमकियां भी दी। जिसकी शिकायत लेकर वह पुलिस के पास भी गया था लेकिन पुलिस कर्मचारियों ने उसकी शिकायत लेने से साफ मना कर दिया। इसी रंजिश के चलते उसे पंचायती तौर पर गांव से निकल जाने का फरमान सुना दिया गया। अब वह वहां से कहीं और रह रहा है। बार-बार पुलिस से गुहार लगाने के बाद भी जब आरोपित युवकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती दिखी तो गत 26 जून को सोनू ने अपनी जान देने का फैसला करते हुए जहर खा लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए उसे सरकारी अस्पताल से कुरुक्षेत्र
एलएनजेपी अस्पताल तथा वहां से पीजीआई चंडीगढ रेफर कर दिया गया। पीजीआई में पुलिस उसके बयान दर्ज करने पहुंची, जहां उसने
नाजायज रूप से तंग करने वाले आरोपित युवकों के नाम पुलिस को देकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई। सोनू का आरोप है कि पुलिस आत्महत्या का केस दर्ज करने के लिए तो कह रही है मगर उसको इस हाल तक पहुंचाने के जिम्मेवार आरोपित युवकों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। आखिरी उम्मीद के रूप में उसने इस मामले की शिकायत सीएम ¨वडो पर दर्ज करवाने का फैसला किया है। क्या कहता है पीड़ित परिवार
नाबालिग की माता का कहना है कि सरकार वैसे तो बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारों का राग अलापती रहती है मगर दूसरी ओर उसकी बेटी को इंसाफ दिलवाने के लिए जिस युवक ने उनका साथ दिया उसके साथ नाइंसाफी हो रही है।