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मागें पूरी होने का आश्वासन मिलते ही झूमने के लिए उठे कर्मचारियों के हाथ

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : बहुद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारियों का धरना स्थल बृहस्पतिवार को नार

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 05:42 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 01:26 AM (IST)
मागें पूरी होने का आश्वासन मिलते ही झूमने के लिए उठे कर्मचारियों के हाथ
मागें पूरी होने का आश्वासन मिलते ही झूमने के लिए उठे कर्मचारियों के हाथ

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : बहुद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारियों का धरना स्थल बृहस्पतिवार को नारों की जगह ढोल की धमक से गूंज उठा और कर्मचारियों के हाथ मुर्दाबाद के नारे के लिए उठने के बजाय नाचने और झूमने के लिए उठे। कर्मचारियों ने जमकर मस्ती की और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी मनाई। अस्थायी कर्मचारियों ने दोपहर तक ड्यूटी ज्वाइन कर ली, जबकि एनएचएम के तहत टर्मिनेट किए गए 96 कर्मचारियों को देर शाम तक इंतजार करना पड़ा।

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बहुद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन की प्रधान सुभाषवति, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुदेश, सुशील शर्मा, सूरत और संजय शर्मा ने कहा कि आखिर कर्मचारियों के आंदोलन और संघर्ष मेहनत रंग लाई और सरकार ने उनकी मांगें मानने के लिए आश्वासन दिया है। डॉ. सुदेश ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनके प्रतिनिधि मंडल को मुख्य मांगे मानने के लिए आश्वासन दे दिया है, जबकि हड़ताल के दौरान टर्मिनेट किए गए कर्मचारियों को वापस रखने और एस्मा के तहत की गई एफआइआर को वापस लेने की मांग मान ली हैं।

सुभाषवति ने कहा कि महिला कर्मचारियों ने भी बड़ी ही निडरता के साथ इस आंदोलन को सफल बनाने में अहम योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के संघर्ष में जीत हमेशा ही कर्मचारियों की हुई है। इसलिए कर्मचारियों को अपनी मांगों को लेकर हमेशा जागरूक रहना चाहिए और अपने हक की आवाज सबको उठानी चाहिए।

यह है मामला

गौरतलब है कि बहुद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारी पिछले 25 दिन से हड़ताल पर बैठे थे। करीब 180 कर्मचारियों ने पूरी तरह से कामकाज बंद कर दिया था। उसकी वजह से गांवों में स्थित सब सेंटर बंद हो गए थे और टीकाकरण अभियान ठप पड़ गया था। एस्मा के बावजूद हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों के खिलाफ करते हुए स्वास्थ्य विभाग ने 10 कर्मचारी नेताओं के खिलाफ एफआइआर करा दी थी, जिन्हें अपनी गिरफ्तारियां देकर जमानत लेनी पड़ी थीं। एनएचएम के तहत कार्यरत 96 कर्मचारियों को टर्मिनेट कर दिया गया। साथ ही स्वास्थ्य विभाग प्रशासन ने अस्पताल में धरना दे रहे कर्मचारियों का टेंट उखड़वा दिया था, जिसके बाद कर्मचारियों ने एलएनजेपी अस्पताल के बाहर धरना दिया था।


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