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स्वच्छता एप में फिसड्डी नगर परिषद, गंदगी के फोटो अपलोड करने पर नहीं हुई सफाई

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : स्वच्छ सर्वेक्षण में स्वच्छता एप डाउनलोड कराकर उसका प्रयोग कराने के प्रति जागरूक करने में थानेसर नगर परिषद फिसड्डी साबित हो रहा है। जबकि इसके प्रयोग से सर्वेक्षण के दौरान शहर के खाते में 450 अंक जुड़ सकते हैं। शहर के जितने लोगों ने इस एप को डाउनलोड किया है, उनमें से एक प्रतिशत भी इसका प्रयोग नहीं किया। इतना ही नहीं जो 0.73 प्रतिशत लोग इस एप का प्रयोग कर रहे हैं वे

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 12:23 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 12:23 AM (IST)
स्वच्छता एप में फिसड्डी नगर परिषद, गंदगी के फोटो अपलोड करने पर नहीं हुई सफाई
स्वच्छता एप में फिसड्डी नगर परिषद, गंदगी के फोटो अपलोड करने पर नहीं हुई सफाई

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : स्वच्छ सर्वेक्षण में स्वच्छता एप डाउनलोड कराकर उसका प्रयोग कराने के प्रति जागरूक करने में थानेसर नगर परिषद फिसड्डी साबित हो रहा है। जबकि इसके प्रयोग से सर्वेक्षण के दौरान शहर के खाते में 450 अंक जुड़ सकते हैं। शहर के जितने लोगों ने इस एप को डाउनलोड किया है, उनमें से एक प्रतिशत भी इसका प्रयोग नहीं किया। इतना ही नहीं जो 0.73 प्रतिशत लोग इस एप का प्रयोग कर रहे हैं वे भी थानेसर नगर परिषद के काम से खुश नहीं हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण की अब तक की रिपोर्ट में एजेंसी रिस्पांस को भी शून्य नंबर मिल रहे हैं। ऐसे में स्वच्छता सर्वेक्षण में स्वच्छता एप पर मिलने वाले 450 अंक में शहर पिछड़ रहा है। अभी तक थानेसर शहर से एप को केवल 2348 ने ही डाउनलोड किया है। इसके तहत नप छह से आठ प्रतिशत टारगेट पूरा करके श्रेणी में तो गया, मगर इसमें नप को 40 अंक ही मिल रहे हैं। जबकि शहर की जनसंख्या के 15 प्रतिशत तक रजिस्ट्रेशन करने पर नप को इसमें 100 अंक मिल सकते हैं। ऐसे में अगर नप प्रशासन अब भी जागरूकता अभियान चलाए तो शहर के खाते में 450 नंबर जुड़ सकते हैं। इस बारे में जब नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी बीएन भारती से बात करनी चाही तो उनसे बात नहीं हो पाई। एक नजर इस पर भी

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नवंबर 2018 तक 2305 लोगों ने स्वच्छता एप डाउन लोड की, जिसमें से 26 लोग ही सक्रिय रहे। इसके बाद दिसंबर माह में एप डाउनलोड करने वालों की संख्या 2340 तक बढ़ गई, मगर फिर भी सक्रिय लोग केवल 23 थे। अब जब स्वच्छ सर्वेक्षण नजदीक आ रहा है तो जनवरी 2019 तक शहर के 2348 लोगों ने एप को डाउन लोड किया। मगर इसे प्रयोग करने वाले 17 ही लोग रह गए। यानी 0.72 प्रतिशत लोग ही इसमें सक्रिय रहे। पिछले वर्ष भी दैनिक जागरण ने उठाया था मुद्दा

पिछले वर्ष भी स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में दैनिक जागरण ने स्वच्छता एप पर फिसड्डी होने का मामला उठाया था। इसके बाद नगर परिषद हरकत में आया था और इस पर जागरूकता रैलियां आयोजित करने के साथ-साथ स्कूलों व कॉलेजों के विद्यार्थियों को इसके प्रति जागरूक किया गया था। मगर स्वच्छ सर्वेक्षण जाते ही इसके प्रति जागरूकता अभियान भी थम गया और जो लोग जुड़े थे वे भी अपनी गतिविधियों को बंद कर गए। दो दिन पहले डाली थी एप पर फोटो नहीं हुई कार्रवाई

दैनिक जागरण ने दो दिन पहले सेक्टर-10 में गुरुद्वारा की ओर जाने वाली सड़क के नुक्कड़ पर लगे गंदगी के ढेर की फोटो स्वच्छता एप पर डाली। मगर सोमवार को भी गंदगी वहीं पर फैली हुई दिखाई दी। हालांकि दूसरे नंबर से थीम पार्क के नजदीक फैली गंदगी को साफ कर दिया गया।


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