हर्षोल्लास से मना दीपावली का त्योहार
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जिले भर में दीपावली का त्योहार पारंपरिक और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुबह से ही लोगों ने फेसबुक, व्हाट्सअप और मोबाइल के माध्यम से एक दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं दी।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जिले भर में दीपावली का त्योहार पारंपरिक और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुबह से ही लोगों ने फेसबुक, व्हाट्सअप और मोबाइल के माध्यम से एक दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं दी। घरों व प्रतिष्ठानों को फूल मालाओं से सजाया गया। युवतियों व महिलाओं ने घर के बाहर रंगोली बनाई। नजदीकी रिश्तेदारों व दोस्तों के घर मिठाई देकर उनकी खुशहाली की कामना की। दिन भर बाजार में खूब चहल-पहल रही और शाम को श्रद्धा से गणेश व मां लक्ष्मी जी की पूजा के बाद आतिशबाजी की गई। बहुत से लोगों ने आतिशबाजी करने का दृश्य फेसबुक पर आनलाइन चलाया। कुछ ने इस तरह मनाई दीपावली
कुछ लोग जहां अपने परिवार व रिश्तेदारों के साथ दीपावली मना रहे थे वहीं दूसरी तरफ बहुत से लोगों ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के बच्चों के साथ दीपावली मनाई। खाटू श्याम कुरुक्षेत्र परिवार और यूथ ब्लड डोनर आर्गेनाइजेशन के सदस्य झोपड़पट्टी वाली जगह पहुंचे। यहां बच्चों को खाने पीने के सामान के साथ पटाखे भी बांटे और इनके साथ खूब मस्ती की। इसके अलावा घरौंडा नगर पालिका सचिव रवि प्रकाश ने भी कुरुक्षेत्र में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों के साथ दीपावली मनाई।
एक रात में एक करोड़ रुपये राख
जांस, कुरुक्षेत्र : दीपावली की रात प्रशासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाई गई और पर्यावरण को प्रदूषित किया गया। थीम पार्क में पटाखों की 20 दुकानों पर सुबह से ही लोगों का हुजूम उमड़ना शुरू हो गया। देर शाम तक आधी से ज्यादा दुकानों पर पटाखे खत्म हो गए लेकिन खरीदारों की भीड़ कम नहीं हुई। वहीं, पटाखा गोदामों में भी पटाखे खरीदने वाले लोग देर रात तक पहुंचते रहे। जिले भर के लोगों ने एक ही रात में करीब एक करोड़ रुपये के पटाखे जलाकर राख कर दिए।
कइयों के हाथ झुलसे
पटाखे चलाते हुए कई लोगों के हाथ झुलस गए। इनमें से कुछ तो क्लीनिक और कुछ निजी अस्पतालों में उपचार कराने के लिए पहुंचे, जबकि कुछ ने घर पर ही उपचार कर लिया। सुनील, मंगल, सुमन, राकेश और राज का पटाखे चलाते हुए हाथ झुलस गया, जिन्हें उपचार के लिए एक निजी अस्पताल में लाया गया। आदेशों की खूब उड़ी धज्जियां
प्रशासन के दावों के बावजूद रात 12 से एक बजे तक लोग पटाखे चलाते रहे। जबकि प्रशासन ने इसके लिए 22 टीमों का गठन किया था, लेकिन आधी रात तक पटाखे चलाने वाले नियमों की धज्जियां उड़ाते रहे। टीमें कहीं नजर नहीं आई और न ही कोई कार्रवाई की।