Move to Jagran APP

किसानों को नहीं मिल रहा भावांतर योजना का लाभ

किसानों के लिए न तो सरकार की योजनाएं काम आ रही है और न ही किसानों की किस्मत साथ दे रही।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 May 2018 01:22 AM (IST)Updated: Mon, 21 May 2018 01:22 AM (IST)
किसानों को नहीं मिल रहा भावांतर योजना का लाभ
किसानों को नहीं मिल रहा भावांतर योजना का लाभ

संवाद सहयोगी लाडवा : किसानों के लिए न तो सरकार की योजनाएं काम आ रही है और न ही किसानों की किस्मत साथ दे रही। यहीं कारण है कि किसानों की टमाटर की फसल घाटे का सौदा बनकर रह गई है। इस वर्ष मंडियों में किसानों की फसल टमाटर का किसानों को कोई खरीददार भी नहीं मिल रहा है। किसानों को टमाटर की फसल पर किया गया खर्च पूरा करना तो दूर किराया भी घर से देना पड़ रहा है।

loksabha election banner

टमाटर की खेती करने वाले किसान राज कुमार आर्य, मनोज कुमार, जगमाल ¨सह, पवन कुमार, राजबीर, ऋषि पाल, कर्म ¨सह ने बताया कि मंडियों में भी उनकी फसलों का कोई खरीददार नहीं है। दूसरे प्रदेशों की मंडियों में जाकर उनको अपनी फसल बेचने को विवश होना पड़ रहा है। दूसरे प्रदेशों की मंडियों में बेचने के लिए टमाटर ले जाने का किराया फसल बेचकर भी पूरा नहीं हो रहा है। किसानों को अपने जेब से किराया देकर दूसरे प्रदेशों की मंडियों में टमाटर बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा है। पिछले कई दिनों से टमाटर के दामों में इतनी गिरावट आई है कि किसानों को मात्र 10 से 12 रुपये रुपये प्रति कैरेट बेचनी पड़ रही है, जबकि प्रति करेट पर 38 से 40 रुपये खर्च आ रहा है। यानी की किसानों को प्रति करेट 28 रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। बाक्स 438 ने किसानों ने कराया हुआ है भावांतर योजना में रजिस्ट्रेशन : जसबीर जब मार्केट कमेटी सचिव जसबीर ¨सह से भवांतर योजना के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि मार्केट कमेटी में करीब 438 किसानों ने भवांतर योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है। यदि यह किसान हरियाणा की मंडियों में अपना टमाटर बेचते हैं और उनके पास हरियाणा की मंडियों के जे फार्म है तो वह किसान उस दिन भवांतर भरपाई योजना का लाभ ले सकता है। हरियाणा के बाहर की मंडियों में टमाटर बेचने वालों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा में 30 बड़ी मंडियां हैं। उन सभी मंडियों के हर रोज के टमाटर के भाव चंडीगढ़ जाते हैं। उसके बाद भवांतर भरपाई योजना के तहत प्रतिदिन उन मंड़ियों के हिसाब से रेट निकला जाता है। भावांतर योजना के तहत 4 रुपये प्रति किलो से कम बिकने वाले अंतर के हिसाब से ही किसान को इसका लाभ मिलेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.