भागवत कथा में सुनाया गोवर्धन पूजा का प्रसंग
सन्निहित सरोवर स्थित प्राचीन श्री दुखभंजन महादेव मंदिर में कार्तिक मास के उपलक्ष्य में करवाई जा रही श्रीमद्भागवत कथा में कथाव्यास शुकदेव आचार्य ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और गोवर्धन पूजा के प्रसंग विस्तार से सुनाए।
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जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सन्निहित सरोवर स्थित प्राचीन श्री दुखभंजन महादेव मंदिर में कार्तिक मास के उपलक्ष्य में करवाई जा रही श्रीमद्भागवत कथा में कथाव्यास शुकदेव आचार्य ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और गोवर्धन पूजा के प्रसंग विस्तार से सुनाए। मुख्य यजमान कंवरसेन वर्मा, सुरेंद्र कंसल, अशोक आश्री, एमके मोदगिल, पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के अधिवक्ता डा.भगवत दयाल शर्मा और गोपाल शर्मा ने कथा का दीप प्रज्वलित किया।
कथा में गोवर्धन पर्वत की कृत्रिम आकृति झांकी के माध्यम से दर्शाई गई। भगवान कृष्ण को 56 भोग लगाए गए। प्रवचनों में शुकदेव आचार्य ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने पृथ्वी पर धर्म और सत्य की पुन: स्थापना के लिए द्वापर युग में अवतार लिया। उन्होंने बाल्य अवस्था में ही कालीय नाग का मर्दन करके यमुना जी को पवित्र किया, पूतना एवं बकासुर आदि मायावी शक्तियों का अंत किया। बृज भूमि में आतंक के पर्यायी कंस मामा का वध करके अपने माता-पिता देवकी-वसुदेव और नाना महाराज उग्रसेन को कारागार से मुक्त कराया। गोवर्धन पूजा में प्रकृति की पूजा का उल्लेख किया गया। गायकों द्वारा सुनाए गए भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे। भागवत आरती में आचार्य विनोद मिश्र, दीपक शर्मा, ज्ञानचंद शर्मा, जगन्नाथ शर्मा, कांति कौशिक, वीरभान शर्मा, सुरेश शर्मा व ज्ञानचंद सैनी चनारथल मौजूद रहे।
शिविर में 250 मरीजों की हुई जांच
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के आयुर्वेद महाविद्यालय एवं अस्पताल में स्नातकोत्तर शरीर क्रिया विभाग की ओर से एक दिवसीय चिकित्सा शिविर लगाया गया। शिविर में बोन मिनरल डेंसिटी (बीएमडी) टेस्ट से हड्डियों के स्वास्थ्य की जांच की गई।
शिविर का शुभारंभ श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डा. देवेंद्र खुराना ने किया। शिविर में 250 मरीजों की जांच की गई। शरीर क्रिया विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रेमचंद मंगल ने कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रोफेसर देवेंद्र खुराना, आयुष विभाग निदेशक डा. संगीता नेहरा, झंडू फार्मास्यूटिकल कंपनी के प्रतिनिधि देवेंद्र का आभार जताया। उन्होंने कहा कि अस्थियां शरीर का आधार है और असंतुलित आहार और अनियमित खानपान की वजह से हड्डियों को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है, जिससे वे कमजोर हो जाती हैं। इनका समय पर इलाज न होने पर भविष्य में हड्डियों का कमजोर होना, हड्डियों में दर्द होना, हड्डियों का टूटना जैसी बहुत सी बीमारियां होने लगती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए अस्पताल प्रांगण में चिकित्सा शिविर लगाया गया। डा. मनीषा खत्री रीडर शरीर क्रिया विभाग ने कार्यक्रम में आए हुए सभी मुख्यातिथियों का आभार जताया। कार्यक्रम में प्रोफेसर डा. शंभू दयाल शर्मा, डा. अशोक राणा, डा. राजा सिगला, डा. अमित कटारिया, डा. सीमा रानी, डा. विजेंद्र तोमर, डा. विजेंद्र सिंह, डा. सचिन शर्मा व तकनीकी सहायक जय सिंह मौजूद रहे।