डेंगू-मलेरिया से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग अस्पताल परिसर में ही पालेगा गंबूजिया मछली
जागरण संवाददाता कुरुक्षेत्र डेंगू मलेरिया के डंक का खात्मा सरकारी अस्पतालों में तैयार मछली करेगी। एलएनजेपी अस्पताल में इसके लिए 15 गुणा 15 का तालाब तैयार किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : डेंगू, मलेरिया के डंक का खात्मा सरकारी अस्पतालों में तैयार मछली करेगी। एलएनजेपी अस्पताल में इसके लिए 15 गुणा 15 का तालाब तैयार किया जा रहा है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग मच्छर के लार्वा की दुश्मन गंबूजिया मछली तैयार करेगा। सीएचसी स्तर पर इन मछलियों को पालने के लिए आठ गुणा 15 के तालाब तैयार किए जाएंगे। जिले के एक छोर से दूसरे छोर तक इन मछलियों को ले जाने में स्वास्थ्य विभाग को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती थी। इनमें से कई मछलियां मर जाती थी। मछलियों के लिए मत्स्य विभाग पर आश्रित स्वास्थ्य विभाग ने इन समस्याओं से निपटते हुए अब अपने स्तर पर ही मछलियों को पालने की तैयारी कर ली है। जिला अस्पताल के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी इन्हें तैयार किया जाएगा, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग इन्हें नजदीक लगते वाटर बॉडी में डालेगा। 500 से ज्यादा वाटर बॉडी में डाली जाती है मछलिया
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जिले में 500 से ज्यादा वाटर बॉडी हैं, जिनमें हर साल स्वास्थ्य विभाग मत्स्य विभाग से मछलियां लेकर उनमें डालता है ताकि मछलियां इन तालाबों में होने वाले मच्छरों का लार्वा खा जाए। इन मछलियों को मत्स्य विभाग तैयार करता है और स्वास्थ्य विभाग की टीमें उन्हें बाल्टियों में भरकर उन तालाबों तक पहुंचाती हैं। मगर इस सफर के दौरान कई मछलियां मर जाती हैं। हर साल हजारों मरीज निकलते हैं डेंगू, मलेरिया के मलेरिया के मामले भले ही अब कम ही सामने आ रहे हों, लेकिन डेंगू और चिकगुनिया के मरीजों की संख्या पिछले समय से बढ़ी है। अगर बाद जिले की करें तो स्वास्थ्य विभाग भले ही हर साल करीब 300 मरीज ही डेंगू के मिलने की पुष्टि कर रहा हो, लेकिन संदिग्ध मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा होती है। डेंगू के लक्ष्णों वाले हजारों मरीज निजी अस्पतालों में दाखिल होते हैं। स्वास्थ्य विभाग खुद तैयार करेगा मछलियां : डॉ. सुखबीर जिला सिविल सर्जन डॉ. सुखबीर ने बताया कि क्षय रोग विभाग ओपीडी इमारत के नजदीक गड्ढा बनाया गया है, जिसमें मछलियां तैयार की जाएंगी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग जरूरत के मुताबिक इन मछलियों को गांवों व शहरों में जोहड़ व तालाबों में पहुंचाएगा।