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अव्यवस्था की भेंट चढ़ा गीता जयंती महोत्सव : अरोड़ा

प्रदेश के पूर्व परिवहन मंत्री कांग्रेसी नेता अशोक अरोड़ा ने अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती में व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अध्यात्म और धर्म से जुड़ा यह आयोजन अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 06:12 AM (IST)
अव्यवस्था की भेंट चढ़ा गीता जयंती महोत्सव : अरोड़ा
अव्यवस्था की भेंट चढ़ा गीता जयंती महोत्सव : अरोड़ा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: प्रदेश के पूर्व परिवहन मंत्री कांग्रेसी नेता अशोक अरोड़ा ने अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती में व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अध्यात्म और धर्म से जुड़ा यह आयोजन अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया। जिस कारण लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। अरोड़ा पंजाबी धर्मशाला में हलका थानेसर के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। बैठक में 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली भारत बचाओ रैली के लिए कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई गई। इस अवसर पर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन जलेश शर्मा, प्रदेश कांग्रेस के संगठन मंत्री सुभाष पाली, पूर्व ब्लॉक प्रधान मेहर सिंह रामगढ़, पूर्व पार्षद नरेंद्र शर्मा निदी, पवन चौधरी तथा पंचायत समिति के पूर्व चेयरमैन कुलदीप सिंह खेड़ी, दीपक फौजी भी उपस्थित थे।

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अरोड़ा ने कहा कि प्रशासन की नाकामी के कारण गीता जयंती के अवसर पर पूरा शहर लगभग 15 दिन तक जाम में फंसा रहा। अंतरराष्ट्रीय स्तर का गीता जयंती समारोह आयोजित करने का दावा किया गया, लेकिन पिपली से थर्ड गेट तक सड़क टूटी पडी है। समापन अवसर पर आठ8 दिसंबर को जाम के कारण सैकड़ों विद्यार्थी सीटेट की परीक्षा देने से वंचित रह गए। वैसे तो उस दिन कुरुक्षेत्र में परीक्षा केंद्र ही नहीं बनाया जाना चाहिए था। अरोड़ा ने मांग की कि जो छात्र परीक्षा से वंचित रह गए उन्हें दोबारा मौका दिया जाए। उन्होंने कहा कि 26 दिसंबर को भरने वाले सूर्यग्रहण मेले से पहले पिपली से थर्ड गेट तक की सड़क का निर्माण करवाया जाए। मिलर वेरीफिकेशन पर सवाल उठाए

प्रदेश सरकार को घोटालों की सरकार बताते हुए पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कहा कि धान खरीद घोटाले की फीजिकल वेरिफिकेशन के नाम पर लीपापोती करके करोड़ों रुपये के घोटाले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार के पास अनेक एजेंसी हैं जिनसे पता लग सकता है कि इस बार कितने एकड़ में धान लगाया गया था, औसतन कितनी पैदावार हुई उसके बाद मंडी में बिक्री की गई धान से तुलना कर पता लगाया जा सकता है कि कितने टन धान के फर्जी जे फार्म काटे गए।


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