कन्या को शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक संरक्षण जरूरी : ब्रह्मचारी
भारत साधु समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि आज समाज में जिस तरह से घटनाएं घट रही हैं, उससे केवल बेटियों को भारत साधु समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि आज समाज में जिस तरह से घटनाएं घट रही हैं, उससे केवल बेटियों को शिक्षित करने से जिम्मेदारी खत्म नहीं होती है। आज समाज में बच्चों और युवाओं को संस्कारों की भी आवश्यकता है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : भारत साधु समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि आज समाज में जिस तरह से घटनाएं घट रही हैं, उससे केवल बेटियों को शिक्षित करने से जिम्मेदारी खत्म नहीं होती है। आज समाज में बच्चों और युवाओं को संस्कारों की भी आवश्यकता है। ब्रह्मचारी ने बताया कि भारत साधु समाज भी भारतीय समाज में कन्याओं के संरक्षण एवं कुरीतियों से बचाने के लिए अभियान चला रहा है। वे संस्थान में छात्राओं की कृतियों को देखने के बाद बोल रहे थे।
आज समाज को स्वस्थ और स्वच्छ बनाने के लिए फिर संत-महापुरुषों की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि जयराम संस्थाओं द्वारा कन्याओं को शिक्षित करने साथ ही सक्षम बनाने के लिए अपने शिक्षण संस्थानों में विशेष जिम्मेवारी समझी जाती है। उन्होंने जयराम शिक्षण संस्थान के पदाधिकारियों, शिक्षिकाओं और अन्य स्टाफ से चर्चा करते हुए कहा कि यहां शिक्षा ग्रहण कर रही सभी छात्राएं उनकी बेटियां हैं। भारत साधु समाज के साथ मिलकर पूरे देश बेटियों को शिक्षित करने और उन्हें सुरक्षित करने का अभियान चलाया हुआ है। कन्या को समाज में शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक संरक्षण जरूरी है। बेटियों को शिक्षित करने के साथ ही जयराम संस्थाओं में ऐसी प्रतियोगिताएं तथा कार्यशालाएं आयोजित की जाएं। जिन से छात्राएं समाज में हर परिस्थिति का सामना करने में सक्षम हो।