इस बार भी होली पर बन रहा है गजकेसरी योग
होली को भक्त प्रह्लाद की भक्ति होलिका की कुत्सित कामना और द्वेष से जोड़कर देखा जाता है। लेकिन ज्योतिष में भी होली का खास महत्व है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : होली को भक्त प्रह्लाद की भक्ति, होलिका की कुत्सित कामना और द्वेष से जोड़कर देखा जाता है। लेकिन ज्योतिष में भी होली का खास महत्व है। ग्रह और तारों की चाल के अनुसार होली भी शुभ और अशुभ फल देती है। इस दिन लोग कई प्रकार के टोने टोटके और अंधविश्वासी होकर गलत कार्य करते हैं। इन बातों का खंडन करना भी जरूरी है। दिल में किसी की बुराई सोचकर किया गया कोई भी कृत्य सफल नहीं हो पाता, इसलिए होली पर किसी की बुराई के लिए कोई कृत्य न करें और करें और स्वयं के कल्याण के लिए ही होली के शुभ मुहूर्त का उपयोग करें। होली की यही सबसे बड़ी शिक्षा है। होली पर बन रहा है गजकेसरी योग
गायत्री ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के संचालक पंडित डॉ. रामराज कौशिक के अनुसार रंगों का त्योहार होली इस साल 10 मार्च को मनाया जाएगा। खास बात यह है कि इस साल होली दहन अत्यंत शुभ गज केसरी योग में किया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गज मतलब हाथी, केसरी मतलब शेर, हाथी और शेर का संबंध मतलब राजसी सुख। गज को गणेश जी का रूप माना जाता है। इस योग में व्यक्ति को फल उसकी राशि, नक्षत्र और गुरु की स्थिति के आधार पर मिलता है। शुभ मुहूर्त में होलिका दहन के साथ कुछ उपाय करने से व्यक्ति को शनि-राहु-केतु और नजर दोष से मुक्ति मिलती है। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त :9 मार्च
संध्या काल में : 06 बजकर 22 मिनट से 8 बजकर 49 मिनट तक
भद्रा पुंछा : सुबह 09 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 51 मिनट तक
भद्रा मुखा : सुबह 10 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक होलिका दहन पर शनि-राहु-केतु और नजर दोष से मुक्ति के लिए यह करें उपाय
- होलिका दहन करने या फिर उसके दर्शन मात्र से भी व्यक्ति को शनि-राहु-केतु के साथ नजर दोष से मुक्ति मिलती है।
-होली की भस्म का टीका लगाने से नजर दोष तथा प्रेतबाधा से मुक्ति मिलती है।
-अगर आप अपनी कोई मनोकामना पूरी करना चाहते हैं तो जलती होली में तीन गोमती चक्र हाथ में लेकर अपनी इच्छा को 21 बार मन में बोलकर तीनों गोमती चक्र को अग्नि में डालकर अग्नि को प्रणाम करके वापस आ जाएं।
-धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि कोई व्यक्ति घर में भस्म चांदी की डिब्बी में रखता है तो उसकी कई बाधाएं अपने आप ही दूर हो जाती हैं।
-अपने कार्यों में आने वाली बाधा को दूर करने के लिए आटे का चौमुखा दीपक सरसों के तेल से भरकर उसमें कुछ दाने काले तिल, एक बताशा, सिदूर और एक तांबे का सिक्का डालकर उसे होली की अग्नि से जलाएं। अब इस दीपक को घर के पीड़ित व्यक्ति के सिर से उतारकर किसी सुनसान चौराहे पर रखकर बगैर पीछे मुड़े वापस आकर अपने हाथ-पैर धोकर घर में प्रवेश कर लें।