Move to Jagran APP

टमाटर उत्पादकों को भावांतर योजना का लाभ न मिलने से रोष

बाबैन भावांतर भरपाई योजना का कोई लाभ नहीं मिलने से टमाटर उत्पादक किसानों में रोष है। किसानों का आरोप है कि दो साल से उन्हें टमाटर का सही भाव ना मिलने के कारण टमाटर की खेती उनके लिए घाटे का सौदा साबित हुई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 11:59 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 11:59 AM (IST)
टमाटर उत्पादकों को भावांतर योजना का लाभ न मिलने से रोष
टमाटर उत्पादकों को भावांतर योजना का लाभ न मिलने से रोष

संवाद सहयोगी, बाबैन : भावांतर भरपाई योजना का कोई लाभ नहीं मिलने से टमाटर उत्पादक किसानों में रोष है। किसानों का आरोप है कि दो साल से उन्हें टमाटर का सही भाव ना मिलने के कारण टमाटर की खेती उनके लिए घाटे का सौदा साबित हुई है।

loksabha election banner

रामसरन माजरा के किसान ताराचंद ने कहा कि वह पिछले कई वर्षों से टमाटर की खेती कर रहा है। सरकार ने टमाटर उत्पादक किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए भावांतर भरपाई योजना चला रखी है लेकिन यह मात्र दिखावे के लिए ही है। पिछले साल भी किसानों को टमाटर का भाव ना मिलने के कारण टमाटर की फसल में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इस साल भी अब तक टमाटर की फसल किसानों के लिए घाटे का सौदा ही साबित हो रही है। ताराचंद का आरोप है कि आज चंडीगढ़ में टमाटर का भाव 125 रुपये प्रति क्रेट है जबकि एक क्रेट पर खेत से टमाटर तोड़ने से लेकर उसे मंडी तक पहुंचाने में खर्चा 100 से 110 रुपये प्रति कैरेट आ रहा है। उसका कहना है कि यदि इस भाव में किसान का टमाटर अपने जिले की किसी भी मंडी में बिक जाए तो उन्हें फिर भी कोई नुकसान नहीं होता। उन्होंने सरकार से टमाटर की फसल को भावांतर भरपाई योजना के तहत लोकल मंडियों में ही खरीदने की व्यवस्था करने की मांग की है ताकि टमाटर उत्पादक किसानों को कोई आर्थिक नुकसान ना हो। किसानों का कहना है कि इसकी भरपाई होनी चाहिए। लागत के अनुसार उन्हें दाम मिलना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.