मारपीट के मामले का भगोड़ा 23 साल बाद चढ़ा पुलिस के हत्थे
मारपीट के एक मामले का एक आरोपित भगोड़ा 23 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा है। झगड़ा पुरानी रंजिशन हुआ था। पुलिस की भगोड़ा अपराधी पकड़ो प्रकोष्ठ ने आरोपित साहब सिंह उर्फ साबा वासी रामगली पत्थरों वाला गली थानेसर को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।
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जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : मारपीट के एक मामले का एक आरोपित भगोड़ा 23 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा है। झगड़ा पुरानी रंजिशन हुआ था। पुलिस की भगोड़ा अपराधी पकड़ों प्रकोष्ठ ने आरोपित साहब सिंह उर्फ साबा वासी रामगली पत्थरों वाला गली थानेसर को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।
एसपी आस्था मोदी ने बताया कि दो अप्रैल 1997 को निशान सिंह वासी रामगली पत्थरों वाली गली थानेसर ने थाना शहर थानेसर पुलिस को शिकायत दी थी। उसने बताया था कि उसका लड़का सुखदेव सिंह बाहरी में निरजन सिंह के लड़के के संस्कार में शामिल होने गया था। वह और उसका लड़का साहब सिंह, दलीप सिंह भी बाहर झांसा चौक के पास रमेश की एसटीडी की दुकान के सामने अपने क्लीनर सुलतान सिंह वासी अमीन से बातचीत कर रहे थे। उस समय बसों व ट्रकों की हड़ताल चल रही थी। इतनी देर में जसवंत सिंह अपने हाथ में कृपाण लेकर आया और ऊंची आवाज में उसको कहने लगा कि तुम लड़की वाले केस में फैसला नहीं करते इसके लिए तुम्हें मजा चखाते हैं। उसने कृपाण से उस पर हमला कर दिया। इतनी देर में उसके दोनो लड़के सुरेंद्र सिंह व सुखविद्र सिंह भी हाथों में हॉकी व डंडे लेकर भागकर आये और ललकारा मारते हुए उसके साथ मारपीट की। जब उसका लड़का साहब सिंह उसको छुड़वाने लगा तो उसके साथ भी मारपीट शुरू कर दी। उसका दूसरा लड़का दलीप सिंह व क्लीनर सुलतान सिंह लाठियां लेकर आए। इसी समय बीरखा सिंह नया गांव, हरीचंद वासी धक्का बस्ती थानेसर ने उनको छुड़वाया। इनके खिलाफ पहले भी एक मामला अदालत में विचाराधीन चल रहा था। जिसकी रंजिश रखते हुए उन्होंने उनके साथ मारपीट की थी। पुलिस ने जसवंत सिंह व उसके लड़कों के खिलाफ मारपीट करने का मामला दर्ज कर लिया था।
आरोपित को 2004 में किया था भगोड़ा घोषित
पुलिस ने दोनों पक्षों से सात आरोपी सुखविद्र सिंह, जसवंत सिंह, सुरेंद्र सिंह, साहब सिंह उर्फ साबा, निशान सिंह, कुलदीप सिंह उर्फ दीपा व सुल्तान सिंह को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। साहब सिंह उर्फ साबा अदालत से जमानत मिलने के बाद दौबारा पेश नहीं हुआ। उसको 3 जून 2004 को सीजेएम राजेंद्र गोयल की कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया था।