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गरीबों के बाजरे पर डाका, अधिकारियों के साथ मिल दिया अंजाम

देश और दुनिया को कर्म और अधिकार पाठ पढ़ाने वाली धर्मनगरी में अधिकारी राशन डिपोधारकों के साथ मिलकर लॉकडाउन में गरीबों के हक के 1405 क्विंटल बाजरा खा गए। अधिकारियों ने पूरी योजना के साथ इस बड़े गड़बड़झाले को अंजाम दिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 06:32 AM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 06:32 AM (IST)
गरीबों के बाजरे पर डाका, अधिकारियों के साथ मिल दिया अंजाम
गरीबों के बाजरे पर डाका, अधिकारियों के साथ मिल दिया अंजाम

जागरण संवाददाता, पानीपत : सेक्टर आठ में छह-छह मरले के प्लाट लेने वाले आवेदक पैसा चुकता करने के बाद भी संपदा अधिकारी कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। प्राधिकरण के अफसर उन्हें मौके पर जाकर कब्जा नहीं दिला रहे हैं। आवेदकों ने एन्हांसमेंट का नोटिस आने पर दो वर्ष पहले पैसे भी जमा करा दिए। मुख्य प्रशासक को ई मेल भेज कर आठ से दस बार शिकायत दे चुके हैं। इनकी शिकायत सुनने को कोई तैयार नहीं है। केस -1 : अपने प्लाट पर निर्माण नहीं कर सके

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बिश्नस्वरूप कालोनी निवासी अनिता शर्मा ने सेक्टर आठ में प्लाट के लिए आवेदन किया था। हशविप्रा ने उन्हें 771 नंबर प्लाट आवंटित किया। 14 जून 2011 को प्लाट की रजिस्ट्री हुई। 22 अक्टूबर 2013 को पोजेशन लेटर दे दिया। मौके पर जाकर कब्जा नहीं दिलाया। आवेदक मार्च 2019 में जब प्लाट पर निर्माण कार्य करवाने पहुंचे तो पहले से किसी की नींव बनी पाई। उन्होंने इसकी शिकायत स्थानीय संपदा अधिकारी से लेकर रोहतक प्रशासक विरेंद्र हुड्डा व मुख्य प्रशासक पंकज यादव से की। सीएम विडो पर शिकायत दी। जवाब में अफसरों ने कहा कि इस मामले को वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में दिया गया है। जवाब आने पर अवगत करा दिया जाएगा। केस-2 : कब्जा नहीं दिया जा रहा

नीलम सैनी को सेक्टर आठ में 752 नंबर प्लाट आवंटित किया गया। पेट्रोल पंप के पास 22 प्लाट की कतार में यह भी शामिल है। हशविप्रा ने 31 मई 2011 को रि-अलाटमेंट दे दिया। पांच साल बाद 11 जुलाई 2016 को पोजेशन लेटर दे दिया। वर्ष 2018 में जब प्लाट पर घर बनाने गए मौके पर कब्जा दिलाने कोई अधिकारी नहीं आया। इसकी शिकायत ई मेल से संपदा अधिकारी से लेकर मुख्य प्रशासक तक 15 बार भेज चुके हैं। समस्या को कोई समाधान नहीं निकला है। केस-3 : काट रहे चक्कर

बिश्नस्वरूप कालोनी निवासी जगरूप सिंह ने बताया कि सेक्टर आठ में इन प्लाटों के आसपास ही उन्होंने प्लाट लिया था। प्लाट नंबर 768 आवंटित किया गया। लेकिन मौके पर कब्जा नहीं मिला है। एन्हांसमेंट की 60 फीसद राशि जमा करा देने भी कब्जा के लिए अफसरों का चक्कर लगा रहे हैं। केस-4 : प्लाट नहीं मिला

धापो देवी ने भी सेक्टर आठ में प्लाट लिया था। 753 नंबर प्लाट आवंटित किया गया। उन्हें भी कब्जा नहीं दिया जा रहा है। ठगा महसूस कर रहे आवेदक

आवेदकों ने दैनिक जागरण से बताया कि प्लाट खरीदने में लाखों रुपये लगाने के बाद भी वे स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। शिकायत की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। विवादित जमीन आवंटित कर उनके साथ धोखा किया गया है। आवेदकों ने बताया कि मुख्य प्रशासक सीएम तक यह फाइल पहुंचने की बात कह रहे हैं।


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