रिलायंस जिओ टावर लगाने के नाम पर धोखाधड़ी
थाना सदर पुलिस ने रिलायंस जीओ का टावर लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप में तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपितों ने टावर लगाने के नाम पर 76 हजार 650 रुपये ठगे थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : थाना सदर पुलिस ने रिलायंस जीओ का टावर लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप में तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपितों ने टावर लगाने के नाम पर 76 हजार 650 रुपये ठगे थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सेक्टर पांच निवासी सतपाल ने थाना सदर में शिकायत दर्ज कराई कि 25 अप्रैल 2019 को मोबाइल पर खाली जगह या मकान की छत पर रिलायंस जीओ टावर लगवाने का मैसेज पढ़ा था। मैसेज में तीन मोबाइल नंबर दिए गए थे। उसने एक मोबाइल नंबर पर संपर्क किया तो उसने अपना नाम संजय बंसल बताया और जगह का सर्वे करने के बाद में बताया। टावर की शर्तें, 45 लाख रुपये एडवांस 40 हजार रुपये जगह का किराया और परिवार से एक आदमी की 20 हजार रुपये की नौकरी देने के बारे में बताया। उन्होंने अपना पता रिलायंस जीओ टावर कंपनी मुंबई बताया। 26 अप्रैल को दी सर्वे की सूचना
शिकायत में बताया कि 26 अप्रैल 2019 को आरोपित संजय बंसल ने उसे मोबाइल पर फोन कर बताया कि उसकी जमीन पर सर्वे आधुनिक मशीनों व सेटलाइट द्वारा सफलता पूर्वक कर लिया गया। यह सर्वे बिना टीम के आए हो जाता है। वह फाइल खर्चे के लिए 1250 रुपये राजबीर सिंह के पंजाब नेशनल बैंक के खाते में जमा करवा दे। वह कंपनी का वकील है। शिकायतकर्ता ने उसी दिन राजबीर सिंह के पीएनबी खाते में 1250 रुपये जमा करवा दिए। आरोपित संजय बंसल ने उसके मोबाइल पर रिलायंस जीयो टावर के दस्तावेज भेज दिए। 29 अप्रैल 2019 को संजय बंसल ने फिर से संपर्क किया और 23 हजार 500 रुपये सरकारी फीस खाते में जमा कराने के लिए कहा। इसके साथ आईडी आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पीएनबी का बैंक खाता नंबर वाटसअप करने के लिए कहा। उसने कागजात वाट्सअप कर दिए और खाते में साढ़े 23 हजार रुपये जमा करा दिए।
एक मई को फिर मांगी राशि
आरोपित संजय बंसल ने एक मई को फिर से कोर्ट फीस जमा कराने के लिए 21 हजार 900 रुपये जमा कराने के लिए कहा। शिकायतकर्ता ने राजबीर सिंह के खाते में पैसे जमा करा दिए। आरोपित ने उसे झांसा दिया कि 15 लाख रुपये का चेक उसके खाते में अगले दिन लग जाएगा। चार मई को आरोपित फोन कर उसे बताया कि उसके खाते में टीडीएस जमा न होने के कारण चेक नहीं लगा पाया है। वह टीडीएस के 30 हजार रुपये जमा कराए। चार मई को ही शिकायतकर्ता ने 30 हजार रुपये जमा करा दिए। इसके उपरांत आरोपितों ने अपना मोबाइल स्विच आफ कर दिया। वह लगातार संपर्क करता रहा, मगर मोबाइल स्विच आफ मिला। जिससे उसे अपने साथ हुई धोखाधड़ी के बारे में पता चला। पुलिस साइबर सेल की ले रही मदद
जांच अधिकारी एएसआइ चांदी राम ने बताया कि पुलिस मामले में साइबर सेल की मदद ले रही है। जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।