प्रदर्शन के विरोध में महापंचायत बुलाएंगे पूर्व मंत्री
किसानों के प्रदर्शन को लेकर सीएम के राजनीतिक सचिव एवं पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी और भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी आमने-सामने हो गए हैं।
संवाद सहयोगी, शाहाबाद : किसानों के प्रदर्शन को लेकर सीएम के राजनीतिक सचिव एवं पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी और भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी आमने-सामने हो गए हैं। सीएम के राजनीतिक सचिव दशहरे पर किए गए पुतला दहन को अपने ऊपर व्यक्तिगत हमला बताते हुए इसके विरोध में महापंचायत बुलाने की बात कह रहे हैं तो दूसरी ओर भाकियू प्रेस प्रवक्ता राकेश बैंस ने कहा कि यह भाकियू का पहले से प्रस्तावित प्रदर्शन था। उन्होंने सीएम के राजनीतिक सचिव के निवास पर के बाहर पुतला दहन किया है, जबकि वह इस पर राजनीतिक षडयंत्र रच रहे हैं और उनके इशारे पर कुछ लोगों ने उनके घर के बाहर प्रदर्शन कर नारेबाजी की है।
परिवार को जिदा जलाने के प्रयास का लगाया आरोप
सीएम के राजनीतिक सचिव कृष्ण बेदी ने कहा कि यह प्रदर्शन न होकर सीधे तौर पर राकेश बैंस व जसबीर सिंह मामूमाजरा की ओर से किसानों को गुमराह कर उन पर किया गया व्यक्तिगत हमला था। इतना ही नहीं उन्हें व उनके परिवार को जिदा जलाने का प्रयास था। उनके गेट से मात्र दो-चार फुट की दूरी पर ही यह काम किया गया और अगर पुलिस न होती तो अंदर घुसकर आग लगा देते। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर पर लगे स्पीकर से ऊंची आवाज में अभद्र गाने चलाए गए। उन्हें परेशान करने का प्रयास किया गया, इससे उनका परिवार भयभीत है और उनकी जान को भी खतरा है। पूर्व राज्यमंत्री ने कहा कि वह न तो सांसद है और न ही एमएलए हैं। उन्होंने कहा कि इसे लेकर वह महापंचायत बुलाएंगे और अपनी बात रखेंगे।
सीएम के राजनीतिक सचिव के घर के सामने फूंका पुतला
भाकियू के प्रदेश प्रवक्ता राकेश बैंस ने कहा कि पूर्व मंत्री राजनीतिक षडयंत्र कर रहे हैं। उन्होंने सीएम के राजनीतिक सचिव के निवास के सामने पुतला फूंका है। भाकियू की ओर से पहले ही पुतला फूंकने का एलान कर दिया गया था। वहां पर पूरा प्रशासनिक अम्ला मौजूद था। किसी भी किसान ने उनके खिलाफ कोई अभद्र टिप्पणी नहीं की है। अगर किसानों के प्रदर्शन से इतने ही भयभीत होते हैं राजनीतिक सचिव का पद छोड़ दें। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री के इशारे पर ही कुछ लोगों ने रविवार को उनके घर के सामने प्रदर्शन किया और पुतला फूंकते हुए नारेबाजी की। पूर्व मंत्री किसानों के प्रदर्शन पर राजनीति करते हुए इसे जातिगत रंग देना चाहते हैं। भाकियू की किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है।