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कल्पना की उड़ान आज भी छात्राओं के लिए प्रेरणा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र 17 मार्च 1962 को करनाल में जन्मी कल्पना चावला पहली भारतीय अमेरि

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Feb 2018 12:36 AM (IST)Updated: Thu, 01 Feb 2018 12:36 AM (IST)
कल्पना की उड़ान आज भी छात्राओं के लिए प्रेरणा
कल्पना की उड़ान आज भी छात्राओं के लिए प्रेरणा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र

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17 मार्च 1962 को करनाल में जन्मी कल्पना चावला पहली भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला थी। 1997 में वह अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थी और 2003 में कोलंबिया अंतरिक्ष यान के हादसे में एक फरवरी को उनकी मौत हुई। कल्पना चावला ने एक साधारण परिवार में जन्म लेने के बाद अपनी मेहनत और दृढ़ निश्चय के दम पर वह मुकाम हासिल किया जो आज भी छात्राओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं।

फोटो संख्या- 1

कल्पना के दिखाए रास्ते पर चले छात्राएं

साइना शर्मा ने कहा कि वे लक्ष्य प्राप्ति के लिए दृढ़ निश्चय कर अपने क्षेत्र में कड़ी मेहनत करें। कड़ी मेहनत के दम पर उनके मार्ग में कोई बाधा नहीं आएगी, जो लोग दृढ़ निश्चय के साथ कड़ी मेहनत करते हैं, सफलता उनके कदम चूमती है। कल्पना चावला ने अपने जीवन में यह कर दिखाया।

फोटो संख्या- 2

कल्पना लक्ष्य प्राप्ति के लिए की कड़ी मेहनत

गगनदीप संधू ने कहा कि अपने जीवन में सफल व महान व्यक्तियों के जीवन से हमेशा प्रेरणा लेनी होगी। छात्राओं के लिए कल्पना चावला एक आदर्श हैं। जिन्होंने अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इन्होंने अपने संघर्ष व कड़ी मेहनत के दम पर विश्व में भारत का लोहा मनवाया।

फोटो संख्या- 3

व्यक्तित्व से प्रेरणा लें छात्राएं

गुरप्रीत कौर ने कहा कि भविष्य के निर्माण में शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। कल्पना चावला जैसे व्यक्तित्व से छात्राओं को प्रेरणा मिलती है। कल्पना चावला ने अपने जीवन में अनुशासन, आत्मीयता और सजनता के साथ सादा जीवन और उच्च विचार के आदर्श पर चलते हुए लक्ष्य की प्राप्ति की थी।

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लड़कियों के लिए आदर्श हैं कल्पना चावला

छात्रा शिल्पा कल्पना चावला निश्चित ही आज की लड़कियों की आदर्श है। आज की लड़कियों को ये सोचना चाहिये की जब कल्पना चावला एक माध्यम वर्गीय परिवार से होने के बावजूद इतना सब कर सकती है तो वे क्यों नहीं। जिस समय भारत का तंत्रज्ञान ज्यादा मजबूत नहीं था, जिस समय लोगो को अंतरिक्ष की समझ भी नहीं थी उस समय कल्पना चावला ने अंतरिक्ष में जाकर पुरे विश्व जगत में भारत का परचम लहराया था।

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अंतरिक्ष और विज्ञान में साबित किया कल्पना ने

हिमांशी धीमान ने कहा कि कल्पना चावला से पहले लोगों का मानना था कि महिलाएं अंतरिक्ष और विज्ञान जैसे क्षेत्रों में आगे नहीं बढ़ सकती, लेकिन कल्पना चावला ने ये साबित कर दिखाया कि महिलाएं किसी से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आज युवा छात्राएं उनसे संबल लेती है कि वे भी उनकी तरह विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं।


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