पर्यावरण में जहर घोल रहे फ्लैक्स
सड़कों पर टंगे फ्लैक्स अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहे हैं। जिले भर में सरेआम सड़कों पर टंगे यह फ्लैक्स लोगों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां परोस रहे हैं।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सड़कों पर टंगे फ्लैक्स अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहे हैं। जिले भर में सरेआम सड़कों पर टंगे यह फ्लैक्स लोगों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां परोस रहे हैं। इनको तैयार करने में उपयोग किए जाने वाले खतरनाक केमिकल और इनके जलाने से निकलने वाली जहरीले धुंए के चलते ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में इन पर प्रतिबंध लगाया था। साल 2016 में एनजीटी की ओर से दिए गए आदेशों के बावजूद आज तक इन पर रोक नहीं लग पाई है। एनजीटी के आदेशों की अनदेखी और इससे मानव जीवन पर बढ़ते खतरे को भांपते हुए ग्रीन अर्थ संगठन ने मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश खुल्लर, मुख्य चुनाव आयुक्त, हरियाणा स्टेट कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव और पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखा है। उन्होंने इस पत्र में एनजीटी के आदेशों को तुरंत प्रभाव से लागू करने की मांग की है।
पीवीसी है गंभीर बीमारियों का घर
पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. नरेश भारद्वाज ने बताया कि पोली विनायल क्लोराइड (पीवीसी) से तैयार होने वाले फ्लैक्स में कई तरह के जहरीले तत्व होते हैं। इन्हें तैयार करने के लिए जो केमिकल उपयोग किए जाते हैं वह मानव शरीर के लिए बहुत हानिकारक हैं। इनता ही नहीं इसके जलाने से जो धुंआ निकलता है उसमें जहरीली गैस निकलती है। इनसे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां फैलती हैं। पीवीसी से तैयार किए जा रहे उत्पाद ने मनुष्य और अन्य प्राणियों के जीवन पर ही संकट खड़ा कर दिया है।
----
ग्रीन अर्थ संगठन के सचिव डॉ. अशोक चौहान ने कहा कि फ्लैक्स से होने वाले नुकसान को देखते हुए एनजीटी ने इस पर प्रतिबंध लगाया था। एनजीटी ने दिसंबर 2016 में दिए गए आदेशों में साफ किया था कि यह फ्लैक्स सेहत के लिए खतरनाक हैं और इन्हें छह माह के अंदर-अंदर हर हाल में बंद कर दिया जाए। लेकिन अधिकारियों की अनदेखी से इन पर रोक लगने की बजाय इनका चलन बढ़ता जा रहा है। अब शहर की हर सड़क फ्लैक्स से अंटी पड़ी हैं।
----
चुनावों में रखा जाए खास ख्याल
मुख्य चुनाव आयुक्त को भेजी गई शिकायत में साफ लिखा गया है कि अभी प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। अक्सर चुनावों में इनका प्रयोग काफी बढ़ जाता है। ऐसे में चुनावों के दौरान खास सावधानी बरतनी जरूरी है।