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फानों में बिना आग लगाए ही आलू की बिजाई के लिए तैयार कर रहे खेत

- कृषि अधिकारी ने गांव में पहुंच अन्य किसानों को दिखाए खेत

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 08:30 AM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 08:30 AM (IST)
फानों में बिना आग लगाए ही आलू की बिजाई के लिए तैयार कर रहे खेत
फानों में बिना आग लगाए ही आलू की बिजाई के लिए तैयार कर रहे खेत

पराली प्रबंधन : फोटो संख्या : 19 - कृषि अधिकारी ने गांव में पहुंच अन्य किसानों को दिखाए खेत

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संवाद सहयोगी, शाहाबाद : सरकार व प्रशासन लगातार किसानों को खेत में बचे फसली अवशेषों (फानों) को आग न लगाने के लिए प्रेरित कर रहा है। शाहाबाद के गांव खानपुर के जागरूक किसान सुरजीत सिंह भी पिछले चार वर्षों से फानों में आग लगाए बिना खेत को आलू की बिजाई के लिए तैयार कर रहे हैं।

किसान सुरजीत सिंह के इन्हीं खेतों का मंगलवार को कृषि विभाग के सहायक अभियंता राजेश वर्मा ने दौरा किया। उन्होंने अन्य किसानों को भी सुरजीत सिंह के खेत दिखाए। उन्होंने कहा कि पराली व फानों में आग लगाने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। फानों में आग लगाना मनुष्य की सेहत के साथ-साथ खेत की मिट्टी के लिए भी नुकसानदायक है। इससे खेत की उपजाऊ शक्ति नष्ट होती है। उन्होंने कहा कि धान के बाद फानों को खेत की मिट्टी में दबाकर भी इन्हें आलू व अन्य फसलों के लिए तैयार किया जा सकता है। रोटावेटर की मदद से जमीन करते हैं तैयार

सहायक अभियंता राजेश वर्मा ने बताया कि धान की फसल को एसएमएस लगी कंबाइन से कटाई करवाने के बाद खेत में मल्चर लगाकर इसे रोटावेटर से मिट्टी में मिलाया जा सकता है। इतना ही नहीं प्लो की मदद से भी इसे आलू की बिजाई के लिए तैयार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर कृषि यंत्र दिए जा रहे हैं। इसके बाद खाद का प्रयोग भी कम होता है। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली खेत की आर्गेनिक शक्ति बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण के लिए किसी सौगात से कम नहीं है। उन्होंने किसान सुरजीत सिंह के प्रयास की सराहना की और अन्य किसानों को इस प्रणाली को अपनाने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर नरेश खानपुर, विक्रमजीत सिंह, राजबीर सिंह, प्रकट सिंह, रणधीर आदि मौजूद रहे।


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