शंखनाद और गीता आरती के बीच दीपदान के साथ संपन्न हुआ महोत्सव
भगवान श्रीकृष्ण की कर्मस्थली कुरुक्षेत्र में रविवार की शाम को शंखनाद और मंत्रोच्चारण के बीच दीपदान के साथ अंतरराष्ट्रीय महोत्सव का समापन हो गया।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
भगवान श्रीकृष्ण की कर्मस्थली कुरुक्षेत्र में रविवार की शाम को शंखनाद और मंत्रोच्चारण के बीच दीपदान के साथ अंतरराष्ट्रीय महोत्सव का समापन हो गया। हालांकि अभी 10 दिसंबर तक शिल्प और सरस मेला जारी रहेगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, नेपाल के राजदूत निलंबर आचार्य, विधायक सुभाष सुधा, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने दीपदान की परंपरा निभाई और आसमान में हॉट एयर बैलून छोड़े गए। महोत्सव के समापन पर आयोजित आरती का मंत्रोच्चारण बलराम गौतम ने करवाया। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में गीता और ब्रह्मसरोवर की आरती से पहले पवित्र ग्रंथ गीता श्लोकोच्चारण हुआ तो पूरी फिजा गीतामय हो गई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पिछले चार वर्षों से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान कुछ न कुछ नए कार्यक्रम जोड़े जा रहे हैं। गीता का प्रचार-प्रसार वैश्विक स्तर पर पहुंचाने में काफी हद तक हम सफल हुए हैं। इस वर्ष नेपाल भागीदारी देश रहा है। उपायुक्त डा. एसएस फुलिया ने कहा कि तीन से आठ दिसंबर तक चलने वाला अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव दीपदान की रस्म के साथ ही संपन्न हो गया है। शिल्प और सरस मेला 10 दिसंबर तक जारी रहेगा। इस मौके जिला परिषद के चेयरमैन गुरदयाल सुनहेड़ी, रविद्र सांगवान, उपेंद्र सिघल, विजय नरुला, सौरभ चौधरी मौजूद रहे।