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किसानों ने किया सीएस मशरूम फार्म का भ्रमण

जागरण संवाददाता कुरुक्षेत्र कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से कृषि वैज्ञानिक डॉ.जेएन भाटिया के नेतृत्व में चल रहे मशरूम प्रशिक्षण शिविर चलाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Mar 2019 08:54 AM (IST)Updated: Thu, 21 Mar 2019 08:54 AM (IST)
किसानों ने किया सीएस मशरूम फार्म का भ्रमण
किसानों ने किया सीएस मशरूम फार्म का भ्रमण

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से कृषि वैज्ञानिक डॉ.जेएन भाटिया के नेतृत्व में चल रहे मशरूम प्रशिक्षण शिविर चलाया जा रहा है। बुधवार को 25 किसानों के दल ने बाखली स्थित सीएस मशरूम फार्म का दौरा किया। यहां पहुंचने पर सुलतान सिंह ने सभी किसानों को मशरूम के बारे में विस्तार से बताया। उन्होने सभी किसानों को मशरूम उगाने के तरीके, कंपोस्ट तैयार करने का तरीका, मशरूम तोड़ने, पैकिग, केनिग यूनिट, प्रोसेसिग यूनिट व कैंड मशरूम के बारे में विस्तार से बताया। सुलतान सिंह ने स्वयं द्वारा चलाए जा रहे मशरूम फार्म के बारे में शुरु से लेकर अब तक के सफर को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि वे एक शैड बनाकर या किसी कमरे से मशरूम का कार्य शुरु कर सकते हैं। एक शैड बनाने पर लगभग 25 हजार रुपये खर्च आते हैं। उन्होंने शुरु में सिर्फ तीन शैड बनाकर मशरूम का कार्य शुरु किया था, लेकिन आज वे 10 एकड़ भूमि पर 140 शैड बनाकर कार्य कर रहे हैं। 2018-19 में उन्होंने 500 टन मशरूम का उत्पादन किया है। अब मशरूम पैकिग व बीज बनाने का कार्य भी शुरु कर दिया है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. भाटिया ने बताया कि मशरूम प्रोटीन का सबसे बड़ा जरिया है। देश में करोड़ों लोग कुपोषण के शिकार हैं, जबकि मशरूम का उत्पादन मात्र एक प्रतिशत ही किया जाता है। इसलिए आज देश में मशरूम के उत्पादन को बढ़ाने की आवश्यकता है।

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