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कड़ाके की ठंड में किसान संगठनों ने लघु सचिवालय पर दिया धरना

भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर किसान व अन्य संगठनों ने तीनों कृषि कानूनों के विरोध में लघु सचिवालय पर धरना प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 06:40 AM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 06:40 AM (IST)
कड़ाके की ठंड में किसान संगठनों ने लघु सचिवालय पर दिया धरना
कड़ाके की ठंड में किसान संगठनों ने लघु सचिवालय पर दिया धरना

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर किसान व अन्य संगठनों ने तीनों कृषि कानूनों के विरोध में लघु सचिवालय पर धरना प्रदर्शन किया। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी व इनेलो ने उनको समर्थन दिया। कड़ाके की ठंड में करीब सात घंटे तक चले धरने प्रदर्शन में राजनीतिक माहौल भी गर्मा गया। जजपा के थानेसर विधानसभा से प्रत्याशी रहे योगेश शर्मा ने कांग्रेसी नेता पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा के खिलाफ धरने पर हूटिग होने की बात कही है। पूर्व मंत्री ने भी जजपा नेता पर पलटवार किया है और हूटिग और समर्थन में नारों के अंतर को समझने की नसीहत दी है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एक दिन का उपवास रखकर किसानों को समर्थन दिया।

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किसान संगठनों ने सोमवार सुबह 10 बजे लघु सचिवालय पर धरना शुरू कर दिया और सायं पांच बजे तक चला। कांग्रेसी नेता पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कहा कि भाजपा किसानों को बर्बाद करने पर तुली है। तीनों कृषि कानूनों किसानों के खिलाफ जा रहे हैं। किसान इन कानूनों को खत्म कराने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है। कांग्रेस पार्टी मुसीबत की इस घड़ी में किसानों के साथ है।

लाडवा विधायक मेवा सिंह ने कहा कि किसान पिछले 18 दिन से कानूनों को निरस्त करने के लिए दिल्ली में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार सरकार हठधर्मी पर अड़ी हुई है। इन कानूनों के सहारे पूंजीपतियों और बड़े घरानों को लाभ पहुंचाना चाहती है। उसी उद्देश्य को लेकर सरकार ने तीन नए कानून पास किए हैं। किसान किसी भी सूरत में इन तीन काले कानूनों को लागू नहीं होने देंगे।

जनसंघर्ष मंच सहित कई संगठनों ने दिया समर्थन

जनसंघर्ष मंच हरियाणा, मनरेगा मजदूर यूनियन, निर्माण कार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन ने नए बस स्टैंड और कोर्ट रोड पर प्रदर्शन किया। इसका नेतृत्व जिला प्रधान संसार चंद्र व सचिव चंद्र रेखा ने किया। महासचिव सुदेश कुमारी ने किसानों के संघर्ष को जायज बताया।

इनके अलावा शाहाबाद के पूर्व विधायक अनिल धंतौड़ी, जलेश शर्मा, युवा कांग्रेस के जिला प्रधान हरप्रीत चीमा, जसमेर घराड़सी, सुभाष पाली, सुरेंद्र फौजी मिर्जापुर, सुरेंद्र सैनी भिवानीखेड़ा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव बलजीत सिंह, प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यकारिणी के सदस्य लक्ष्मीकांत शर्मा एडवोकेट, जिला महिला कांग्रेस की प्रधान निशि गुप्ता, दीपेंद्र युवा शक्ति के प्रदेश उपाध्यक्ष सुधीर चुघ, जिला कांग्रेस के पूर्व कोषाध्यक्ष विनोद गर्ग, मनदीप चट्ठा, सुखबीर ग्रेवाल, सुनीता बतान, जसमेर बटेड़ी, नरेंद्र शर्मा निदी, सुभाष पलवल, सुरजीत पलवल व मोहन लाल भांवरा शामिल हुए। इनेलो के जिला प्रधान बूटा सिंह लुखी, शाहाबाद से इनेलो के प्रत्याशी रहे संदीप अजराना, पिहोवा से इनेलो के प्रत्याशी रहे मनजीत चौधरी, हलका लाडवा के प्रधान सुरेश सैनी, जसविद्र ठोल, सूरजभान रतनगढ, रणधीर मथाना, सुरेश नैन पिहोवा, राजू रामगढ़ सहित 100 से अधिक कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन को समर्थन दिया। जननायक जनता पार्टी के पूर्व प्रत्याशी योगेश शर्मा ने कहा कि लघु सचिवालय पर किसानों का समर्थन देने पहुंचे कांग्रेस नेता अशोक अरोड़ा के खिलाफ हूटिग की गई है। उन्होंने जारी बयान में कहा कि कांग्रेस किसानों की भावनाओं को भड़काकर अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करना चाहती है। आंदोलनकारी किसान कांग्रेस की असलियत जान चुके हैं। अब कांग्रेसी नेताओं का विरोध होने लगा है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर हैं। वे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल समेत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर चुके हैं। कोट्स --31

कांग्रेस शुरू से ही किसानों के हकों के साथ है। जजपा ने किसानों का विश्वास तोड़ा है। अब उनके नेता इसको सुधारने के लिए उल्टे सीधे बयान देने में लगे हुए हैं। किसानों व संगठनों ने लघु सचिवालय पर धरने में पहुंचने पर नारे लगाकर समर्थन किया है। कुछ लोग अपने नेताओं की नजरों में पाक साफ बनने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।


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