पांच क्विंटल मूंगफली व दो सौ पेटी फ्रूटी लेकर किसान दिल्ली रवाना
दिल्ली किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए गांवों से किसानों के जत्थों की रवानगी अब तेज कर दी है।
संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद : दिल्ली किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए गांवों से किसानों के जत्थों की रवानगी अब तेज कर दी है। इसके साथ ही राशन के वाहन भरकर भेजे जा रहे हैं। युवाओं की टीमें गांव-गांव में दस्तक देकर सामग्री इकट्ठा कर रहे हैं। वहीं भाकियू ने भी संपर्क अभियान तेज कर दिया है। अधिकांश परिवारों ने ऐलान कर दिया है कि यदि शनिवार को हल नहीं निकला तो सपरिवार दिल्ली की ओर कूच करेंगे।
दिल्ली किसान आंदोलन की गूंज गांवों में गूंजने लगी है। जिन गली नुक्कड़ों पर ग्रामीण बैठकर गप्पे हांकते थे, वहां अब आंदोलन को कामयाब करने के लिए अपनी अपनी जिम्मेदारी तय करने में लगे हैं। रात में ही इत्तला आती है कि दिल्ली धरने के लिए मदद की आवश्यकता है। इसके बाद ग्रामीण तैयारी में जुट जाते हैं। गांवों का खासकर रात का माहौल यकायक बदल गया है। एक सूचना मिलते ही कंगवाल गांव से किसानों का जत्था रवाना हुआ। इस जत्थे का पहले गांव के लोगों ने अभिनंदन किया। वहीं ठसका मीरां जी गांव में सूचना मिलते ही आधी रात को एक ट्राली ईंधन लादकर युवाओं की टीम को रवाना किया गया। यही नहीं इस गांव से युवाओं की टीम पांच क्विटल मूंगफली और दो सौ पेटी फ्रूटी लेकर रवाना हुई। आंदोलन के चलते किसान परिवार आधी रात तक किसी ना किसी प्रकार की मदद देने के फरमान का बेसब्री से इंतजार करते हैं। जैसे ही गांव में कोई वाहन आता है वहीं ग्रामीण जमा हो जाते हैं। भाकियू के युवा नेता सोनू सामरा ने बताया कि ग्रामीण आटा, दाल, चावल, दूध, घी आदि राशन से हर प्रकार की मदद कर रहे हैं। यही नहीं दिल्ली कूच करने वालों की कतारें लगने लगी हैं।
डेढ़ लाख से अधिक का तेल बांटा
ठसका मीरां जी गांव के सरपंच दिलबाग सिंह गुराया ने बताया कि वे दिल्ली आंदोलन में जाने वालों के वाहनों में डेढ़ लाख रुपये से अधिक का तेल मुफ्त उपलब्ध करवा चुके हैं। उन्होंने बताया कि यह सेवा आंदोलन जारी रहने तक निरंतर चलती रहेगी। गुराया ने बताया कि इंटरनेट मीडिया के जरिये ऐसे वाहनों को अपने पेट्रोल पंप पर आने की गुजारिश भी लगातार कर रहे हैं। ऐसे वाहनों के लिए दिन रात के कर्मचारी तक तैनात किए गए हैं।