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ट्विटर पर दो घंटे तक छाई रही किसान कर्जा मुक्ति मुहिम

लॉकडाउन के इस दौर में लगातार कर्ज के बोझ में दबते जा रहे देश के किसान ने भी अपनी आवाज उठाने के लिए सोशल मीडिया के प्लेटफार्म का सहारा लिया है। भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी ग्रुप) की पहल पर मंगलवार की शाम को देश भर के किसान संगठनों ने ट्विटर पर किसान कर्जा मुक्ति हैशटैग के साथ ट्विट किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 11:21 PM (IST)Updated: Thu, 07 May 2020 06:16 AM (IST)
ट्विटर पर दो घंटे तक छाई रही किसान कर्जा मुक्ति मुहिम
ट्विटर पर दो घंटे तक छाई रही किसान कर्जा मुक्ति मुहिम

फोटो संख्या : 27

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-भाकियू ने घर बैठे ट्विटर पर चलाई किसान को कर्जामुक्त करने की मुहिम

-देश भर से एक लाख 64 हजार किसानों ने किया ट्विट जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : लॉकडाउन के इस दौर में लगातार कर्ज के बोझ में दबते जा रहे किसान ने भी अपनी आवाज उठाने के लिए सोशल मीडिया के प्लेटफार्म का सहारा लिया है। भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी ग्रुप) की पहल पर मंगलवार की शाम को देश भर के किसान संगठनों ने ट्विटर पर किसान कर्जा मुक्ति हैशटैग के साथ ट्विट किया। पहली बार ऑनलाइन और ट्विटर पर आया देश का किसान दो घंटे तक ट्विटर अपने इस हैशटैग के साथ छाया रहा। भाकियू की ओर से मंगलवार को तय समय चार बजे शुरू हुए इस अभियान के साथ देश भर के एक लाख 64 हजार किसानों ने जुड़कर ट्विट किया है। नई पीढ़ी के इन किसानों ने देश के पूंजीपतियों की तर्ज पर किसानों को भी कर्ज से राहत देने की मांग की है, ताकि किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला रुक सके।

भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि किसान सालों से कर्ज की चक्की में पीस रहा है और मर रहा है। सरकारें बार-बार देश के पूंजीपतियों की लाखों करोड़ रुपये के कर्ज को राइट ऑफ कर रहे हैं, जबकि देश भर के किसानों पर कुल कर्ज छह लाख करोड़ रुपये है। किसान इस कर्ज के बोझ में मर रहा है और सरकारें मरे हुए किसानों से भी कर्ज वसूल रही है। इसके विपरित व्यापारी कर्जा लेकर विदेशों में बस रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि देश भर के किसान संगठनों ने एकसाथ मिलकर यह मुहिम चलाई है।

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किसानों की नई पीढ़ी हो रही जागरूक

भाकियू की छात्र विग के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि अब भोले किसान की नई पीढ़ी जागरूक हो गई है। वह अपने पूर्वजों के दर्द को समझ रही है। इसी का परिणाम है कि पहली बार ट्विटर पर चलाए गए इस कर्जा मुक्ति अभियान में देश भर से लोग जुड़े हैं। लॉकडाउन के चलते किसान सड़कों पर निकलकर आंदोलन नहीं कर सकता। ऐसे में अब सोशल मीडिया पर आवाज उठाई है। सरकार को चाहिए कि किसान की सुनवाई करे।


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