बछड़ियां पैदा कर सड़कों पर घूम रहे पशुओं से किसान पा सकते हैं निजात : कटारिया
गांव प्रहलादपुर में पशु अस्पताल में कार्यरत पशु चिकित्सक डॉ. मंजीत कटारिया ने बताया कि बछड़ियां पैदा करने वाले टीकों का प्रयोग कर किसान व पशुपालक अच्छी व उच्च नस्ल की केवल बछड़ियां पैदा कर सकते हैं। बछड़ियां पैदा होने से सड़कों पर घूम रहे गोवंश से भी निजात मिल पाएगी।
संवाद सहयोगी, लाडवा :
गांव प्रहलादपुर में पशु अस्पताल में कार्यरत पशु चिकित्सक डॉ. मंजीत कटारिया ने बताया कि बछड़ियां पैदा करने वाले टीकों का प्रयोग कर किसान व पशुपालक अच्छी व उच्च नस्ल की केवल बछड़ियां पैदा कर सकते हैं। बछड़ियां पैदा होने से सड़कों पर घूम रहे गोवंश से भी निजात मिल पाएगी। इस सीमन से 99.1 प्रतिशत बछड़ियां पैदा होती है। यह बछड़ियां न केवल उच्च नस्ल की होती है, बल्कि इनकी मां कम से कम 25 से 30 लीटर दूध देती हैं। इन टीकों से केवल बछड़ियां ही पैदा हो इसके लिए सीमन में सिर्फ मादा पैदा करने वाले क्रोमोसोमस को अलग किया जाता है। यह सभी प्रकार की बीमारियों रहित होते है। प्रदेश सरकार ने इसकी कीमत पहले से घटाकर आधी से भी कम कर दी है, ताकि पशु पालकों को उच्च कोटि के पशु मिल सकें। उन्होंने पशु पालकों से केवल पशु संस्थाओं में ही से टीके लगवाने का आह्वान किया। प्रदेश सरकार भी पशु पालकों को यह टीके उपलब्ध कराने में प्रोत्साहन कर रही है। पहले यह टीके 500 रुपये का मिलता था। पशु पालक विभाग के उच्च अधिकारियों के माध्यम से कई बार प्रदेश सरकार से इन टीकों की कीमत कम करने की मांग की गई थी। प्रदेश सरकार ने अब इसे गरीब पशु पालकों तक पहुंचाने के लिए इसकी कीमत घटाकर मात्र 200 रुपये कर दी है।