Move to Jagran APP

धान अवशेष जलाकर वातावरण को दूषित करने से किसान नहीं आ रहे बाज

इस्माईलाबाद। खेतों में पराली के अवशेष जलाकर वातावरण को दूषित करने से किसान बाज ही नहीं आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2020 07:40 AM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2020 07:40 AM (IST)
धान अवशेष जलाकर वातावरण को दूषित करने से किसान नहीं आ रहे बाज
धान अवशेष जलाकर वातावरण को दूषित करने से किसान नहीं आ रहे बाज

संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद : खेतों में पराली के अवशेष जलाकर वातावरण को दूषित करने से किसान बाज ही नहीं आ रहे हैं। हर रोज एक दर्जन से अधिक खेत ऐसे देखे जा सकते हैं जहां धुएं के गुब्बार उड़ते नजर आते हैं। किसानों का कहना है कि कबाड़ को जलाने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं है।

loksabha election banner

बालापुर गांव के पास एक किसान ने तो बड़े स्तर पर धान के अवशेष आग के हवाले कर दिए। जिसे देखकर लगता था कि यहां प्रशासन पूरी तरह विफल साबित हो रहा है। ऐसे किसानों को देखकर दूसरे भी इसका अनुसरण करते हैं। किसानों का तर्क है कि खेत में खड़े अवशेषों के बंडल बनवा दिए जाते हैं। इनका उठान हो जाता है। इसके पीछे बचे कबाड़ को आग के हवाले करना मजबूरी है। किसानों का यहां तक कहना है कि यह कबाड़ ना जलाया जाए तो आगामी फसल की पैदावार प्रभावित होती है। किसान इस समय गीले अवशेष जला रहें हैं इनसे बहुत अधिक मात्रा में धुआं निकलता है। ऐसे धुएं के सफेद गुब्बार दूर दूर तक नजर आते हैं। आंखों के रोग लगे पनपने

किसान प्रवीण कौशल का कहना है कि ऐसे धुएं के कारण अब आंखों में जलन आम हो चली है। इससे बुजुर्ग और बच्चों को अधिक नुकसान हो रहा है। वहीं वातावरण प्रदूषित होने से दमे के मरीज अधिक परेशान चल रहे हैं। ग्रामीण गले व आंखों के रोग से जूझ रहे हैं। उनका कहना है कि इसमें कृषि विभाग को सख्ती बरतनी चाहिए। वहीं किसानों को जागरूक करना चाहिए। किसानों से सख्ती से निपटेंगे

कृषि विकास अधिकारी डा. सुशील कुमार का कहना है कि जहां भी शिकायत मिलेगी, वहां किसानों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। किसान अवशेष जलाने के फेर में मित्र किटों को समाप्त ना करें और वातावरण प्रदूषित करने की किसी को भी छूट नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.