फसलों का बीमा करने वाली कंपनियां नहीं उठा रहीं किसानों के फोन
फसलों का बीमा करने वाली एक दर्जन कंपनियों के टोल फ्री नंबर रिसीव न किए जाने से किसानों में रोष व्याप्त हो गया है। धान की बर्बादी की मार झेलते किसानों ने सरकार से विशेष गिरदावरी करवाने की मांग की है। वहीं किसानों को फरमान सुनाए जा रहे हैं कि वे अपने नुकसान की रिपोर्ट नोट करवाएं। किसानों का कहना है कि ब्लाक स्तर पर खराब फसल का आंकलन करने का प्रबंध होना चाहिए।
संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद : फसलों का बीमा करने वाली एक दर्जन कंपनियों के टोल फ्री नंबर रिसीव न किए जाने से किसानों में रोष व्याप्त हो गया है। धान की बर्बादी की मार झेलते किसानों ने सरकार से विशेष गिरदावरी करवाने की मांग की है। वहीं किसानों को फरमान सुनाए जा रहे हैं कि वे अपने नुकसान की रिपोर्ट नोट करवाएं। किसानों का कहना है कि ब्लाक स्तर पर खराब फसल का आंकलन करने का प्रबंध होना चाहिए।
तीन दिन से बरसात की मार झेलते किसान अब हाल बेहाल हो चले हैं। खेतों में बिछी व कटी पड़ी धान से किसानों को कुछ भी हाथ लगता नहीं दिख रहा है। वहीं खेतों में पानी भर जाने से आगे की कटाई पर भी ग्रहण लग गया है। बरसात ने किसानों के सपने चकनाचूर कर दिए हैं। किसान गुरचरण ¨सह, ज्ञान ¨सह और इंद्र ¨सह ने बताया कि बीमा कंपनियों के टोल फ्री नंबर रिसीव ही नहीं किए जा रहे हैं। इन किसानों का कहना है कि बीमा के नाम पर मोटी रकम काटने में जरा भी देर नहीं लगाई जाती है अब बरसात की मार के चलते बीमा कंपनियां कन्नी काटे हुए हैं। इन किसानों ने बताया कि अधिकारी कुरूक्षेत्र पहुंचकर नाम लिखवाने की बात कर रहे हैं। इन किसानों का कहना है कि ब्लाक स्तर पर अधिकारियों का प्रबंध किया जाना चाहिए। वहीं भारतीय किसान यूनियन ने प्रभावित किसानों की सूची तैयार करनी आरंभ कर दी है। भाकियू ने शीघ्र आंदोलन खड़ा करने का ऐलान कर दिया है। तीसरे दिन लगातार जारी बरसात से जहां मंडी में सूनापन है वहीं बाजार भी वीरान पड़े रहे। जगह जगह जल भराव ने भी ग्रामीणों का जीना मुहाल किया हुआ है।