धान की फसल में होने वाली पानी की खपत कम करने को मक्का बिजाई को प्रोत्साहन
धान की फसल में होने वाली पानी की खपत को कम करने के लिए प्रदेश सरकार ने मक्का अरहर और सोयाबीन सहित अन्य फसलों की पैदावार बढ़ाने का फैसला लिया है। इसके लिए पायलेट प्रोजेक्ट के तहत कुरुक्षेत्र जिले के थानेसर खंड का चयन करते हुए सात हजार हेक्टेयर में मक्का की फसल लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : धान की फसल में होने वाली पानी की खपत को कम करने के लिए प्रदेश सरकार ने मक्का, अरहर और सोयाबीन सहित अन्य फसलों की पैदावार बढ़ाने का फैसला लिया है। इसके लिए पायलेट प्रोजेक्ट के तहत कुरुक्षेत्र जिले के थानेसर खंड का चयन करते हुए सात हजार हेक्टेयर में मक्का की फसल लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सरकार ने पहल करते हुए मक्का लगाने वाले किसानों को दो हजार रुपये नकद और बीज उपलब्ध करवाने का फैसला लिया है। डीसी डॉ. एसएस फुलिया ने शनिवार को लघु सचिवालय के सभागार में किसानों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में पहली बार मक्का, अरहर और सोयाबीन की न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद सुनिश्चित करने का फैसला लिया है। इस योजना के तहत प्रदेश के सात डार्क जोन जिलों से पायलट प्रोजेक्ट के तहत सात खंडों को शामिल किया गया है। सात हजार हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित थानेसर खंड के नॉन बासमती के 18 हजार 200 हेक्टेयर में से सात हजार हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए मक्का व अन्य फसलों का बीज किसानों को निशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की किश्त भी सरकार द्वारा वहन की जाएगी और किसानों के खातों में दो हजार रुपये की राशि भी जमा करवाई जाएगी। इसमें से 200 रुपये की राशि पंजीकरण के साथ और 1800 रुपये की राशि फसल की बिजाई पर अगस्त माह तक खातों में जमा करवा दी जाएगी। इस योजना के लिए किसान 27 मई से 10 जून तक अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। इस मौके पर एसडीएम अश्वनी मलिक, कृषि एवं कल्याण विभाग के उपनिदेशक प्रदीप मिल, क्यूसीआई जितेंद्र मेहता व अन्य उपस्थित रहे।
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किसानों ने रोया नील गाय का दुखड़ा किसानों ने डीसी के सामने नील गाय का दुखड़ा रोया। किसान नेता रामदिया कन्यान ने कहा कि मक्का की बिजाई करने पर नील गाय इसे नष्ट कर देती हैं। इस फसल को बढ़ावा देने से पहले नील गाय का प्रबंध करें।