कंपनी से कम रेट में बेचते थे नकली शराब, वाइस प्रेजीडेंट ने खुद खरीदी थी एक बोतल
पिहोवा के गांव मोरथली में शराब के ठेके पर नकली शराब असली के रेट में बेची जा रही थी। ठेकेदार और फैक्ट्री मालिक इसमें मोटी बचत करते थे। इसमें सबसे बड़ी चोरी सरकार के राजस्व की होती थी। कंपनी की माने तो उनके पास से सरकार को 250 से 300 रुपये राजस्व के रूप में एक पेटी पर जाते हैं। पिकाडली एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड के वाइस प्रेजीडेंट ने ठेके से खुद 100 रुपये की एक बोतल खरीदकर पूरे मामले का भंडाफोड़ किया था। अपुष्ट सूत्रों की माने तो आरोपितों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र/पिहोवा : पिहोवा के गांव मोरथली में शराब के ठेके पर नकली शराब असली के रेट में बेची जा रही थी। ठेकेदार और फैक्ट्री मालिक इसमें मोटी बचत करते थे। इसमें सबसे बड़ी चोरी सरकार के राजस्व की होती थी। कंपनी की माने तो उनके पास से ही सरकार को 250 से 300 रुपये राजस्व के रूप में एक पेटी पर जाते हैं। पिकाडली एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड के वाइस प्रेजीडेंट ने ठेके से खुद 100 रुपये की एक बोतल खरीदकर पूरे मामले का भंडाफोड़ किया था। अपुष्ट सूत्रों की माने तो आरोपितों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है।
कंपनी के वाइस प्रेजीडेंट सुनील कुमार ने बताया कि उनके यहां से एक पेटी का रेट 655 रुपये है। इससे आगे एल-13 और एल-14 के एक्साइज ड्यूटी लगने के बाद रेट बढ़ जाते हैं। यह करीब 692 रुपये में पड़ती है। कंपनी के फील्ड में काम करने वाले कर्मचारियों ने पूरी रिपोर्ट उनको दी। उन्होंने इसके बाद ठेके पर पहुंचकर एक बोतल देसी शराब की खरीदी। उसको 100 रुपये में एक बोतल दी। शराब ठेके पर खुली पेटी 12सौ रुपये तक में बेची जाती थी।
प्राथमिक ²ष्टता में नकली नजर आ रही थी शराब
सुनील कुमार ने उन्होंने ठेके से 144 पेटी शराब की पकड़ी थी। एक्साइज विभाग ने इसकी जांच की। इस पर लगे होलोग्राम व अंकित सीरीज उनकी कंपनी की नजर आ रही थी। प्राथमिक ²ष्टता में नकली लग रही थी।
दूसरी शिकायत में साफ हुआ मामला
कंपनी ने पहली बार शराब 24 जून को पकड़ी थी। पुलिस ने इसकी रपट दर्ज कर ली थी। आबकारी विभाग की जांच में उक्त शराब नकली मिली। कंपनी के वाइस प्रेजीडेंट सुनील कुमार ने 28 जून को एक अन्य शिकायत पिहोवा थाना पुलिस में दी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस टीम ने एसएसबी वाइन शॉप से पकड़ी शराब की 144 पेटी नकली मिली हैं। इससे कंपनी का नाम खराब हो रहा है। ऐसे पकड़ में आई नकली शराब
-होलोग्राम अलग था और सीरिज भी नहीं थी। इस पर सरकार के साइन भी नहीं थे।
-लेबल का रंग गहरा था। जबकि ओरिजनल लेबल का रंग कुछ हल्का है।
-नकली पर गेहूं का पीला साइन था, जबकि ओरिजनल पर ग्रीन है।
-इसका फोंट साइज भी अलग है।
-कंपनी ने कुरुक्षेत्र में बैच नंबर 118 की शराब सप्लाई नहीं की। जबकि यहां से इसी बैच नंबर की शराब पकड़ी गई।
वाइन शॉप ऑनर और नपा पार्षद पर केस दर्ज
वाइस प्रेजीडेंट सुनील कुमार ने आरोप लगाया कि वाइन शॉप ऑनर और पार्टनर बलजीत सिंह निवासी गांव सयोंसर, नगरपालिका पार्षद पलविदर उर्फ पम्मा, गुरजेंट निवासी गांव इशक, सुशील उर्फ सीलू निवासी गांव बाखली, सोनू निवासी टिकरी इस काम में संलिप्त हैं। उन्होंने पुलिस से इस मामले में गंभीरता के साथ जांच करने की मांग की। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शराब बरामद कर सील कर दी।
पुलिस ने पिकाडली के वाइस प्रेजीडेंट की शिकायत पर बलजीत सिंह निवासी गांव सयोंसर व नगरपालिका पार्षद पलविदर उर्फ पम्मा समेत छह लोगों पर एक्साइज एक्ट, कॉपीराइट एक्ट समेत आइपीसी की धारा धोखाधड़ी, फर्जी डॉक्यूमेंट बनाकर प्रयोग करने और षड़यंत्र रचने समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस ने इसी आधार पर गुहला के पास गांव चाण-चक में शराब की फैक्ट्री पकड़ी है।
देवेंद्र सिंह, प्रभारी, थाना पिहोवा, कुरुक्षेत्र।