पूर्व मंत्री ने शहर के मुद्दों पर विधायक को घेरा, होली तक समय नहीं तो आमरण अनशन शुरू
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने शहर के मुद्?दों पर विधायक सुभाष सुधा को घेरा है। उनके पिक सिटी पिपली से थर्ड गेट और बाईपास समेत अन्य दावों को केवल कागजी घोषणाएं बताया। उन्होंने दावा किया कि विधायक सुभाष सुधा ने बाईपास का सवाल विधानसभा में लगाया था। उप मुख्यमंत्री के जवाब में इसका कोई प्रावधान नहीं दिखाई दिया। दूसरा बजट में भी कोई प्रस्ताव नजर नहीं आया।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने शहर के मुद्दों पर विधायक सुभाष सुधा को घेरा है। उनके पिक सिटी, पिपली से थर्ड गेट और बाईपास समेत अन्य दावों को केवल कागजी घोषणाएं बताया। उन्होंने दावा किया कि विधायक सुभाष सुधा ने बाईपास का सवाल विधानसभा में लगाया था। उप मुख्यमंत्री के जवाब में इसका कोई प्रावधान नहीं दिखाई दिया। दूसरा बजट में भी कोई प्रस्ताव नजर नहीं आया।
अरोड़ा केडीबी रोड स्थित अपने कार्यालय में मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने विधायक सुभाष सुधा को पिपली से थर्ड गेट तक की सड़क का काम शुरू कराने के लिए होली तक का समय दिया है। इसके बाद जनता को साथ लेकर आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि विकास के कागजी दावे पेश कर धर्मनगरी के लोगों को गुमराह किया जा रहा है। विधायक ने सबसे पहले पिक सिटी बनाने की घोषणा की। यह एक सड़क की कुछ दुकानों को पिक करने पर सिमट गया। पिपली से थर्ड गेट तक सड़क का शिलान्यास के दो साल बाद भी काम शुरू नहीं हो पाया है। सरकार के मंत्री ही फाइल दबाए बैठे हैं। बजट में कुरुक्षेत्र में बाईपास बनाने का नहीं प्रस्ताव
अरोड़ा ने कहा कि विधायक ने शहर में बाईपास बनाने की घोषणा की थी। उन्होंने बजट में भी यह सवाल लगाया था। उप मुख्यमंत्री ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। मुख्यमंत्री ने 10 शहरों में बाईपास बनाने की बात बजट में कही है, लेकिन कुरुक्षेत्र का कहीं जिक्र नहीं किया। पंचकूला शहर में फ्लाईओवर के निर्माण के साथ बाईपासों के निर्माणों का एनएचएआइ से आग्रह करने की बात कही है। रिकॉर्ड में 500 सफाई कर्मी, सड़कों पर हकीकत जुदा
स्वच्छता के नाम पर भी नगर परिषद को लूटा जा रहा है। करीब 500 कर्मचारी रिकॉर्ड में दिखाए जाते हैं, लेकिन शहर में इतने नजर नहीं आते। विधायक विस सत्र में कुरुक्षेत्र शहर को बेसहारा पशु मुक्त करने की घोषणा करते हैं, जबकि शहर की मुख्य सड़कों के साथ गलियों में भी बेसहारा पशुओं की भरमार है। शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर दुकानों के बाहर से छोटे शेड भी हटाए जा रहे हैं। दुकानदारों और व्यापारियों में इससे रोष है। शहर में दो एकड़ में कॉमर्शियल कॉलोनी काटी जा रही है। इसमें भी नेताओं का हाथ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का बजट केवल आंकड़ों पर आधारित है। 2014 में प्रदेश का कर्ज 70 हजार करोड़ था। आज एक बच्चा भी 80 हजार रुपये का कर्ज लेकर पैदा होता है। सरकार के बजट में विकास और रोजगार पर ध्यान नहीं दिया है।