लाडवा विधानसभा क्षेत्र में शांति पूर्वक हुआ चुनाव
लाडवा विधानसभा क्षेत्र में मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। खंड के नौ मतदान केंद्र पर प्रशासन ने संवेदनशील व अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखे हुए थे लेकिन किसी भी अप्रिय घटना का समाचार नहीं मिला। इसके अलावा दो-तीन स्थानों पर कुछ मिनट मतदान बाधित रहा जबकि अन्य स्थानों पर मतदान सामान्य रहा।
संवाद सहयोगी, लाडवा : लाडवा विधानसभा क्षेत्र में मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। खंड के नौ मतदान केंद्र पर प्रशासन ने संवेदनशील व अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखे हुए थे, लेकिन किसी भी अप्रिय घटना का समाचार नहीं मिला। इसके अलावा दो-तीन स्थानों पर कुछ मिनट मतदान बाधित रहा, जबकि अन्य स्थानों पर मतदान सामान्य रहा। निर्धारित समय पर सुबह सात बजे मतदान केंद्रों पर मतदान आरंभ हो गया। ऐसा भी पहली बार हुआ कि मतदान बूथों पर पहली बार मतदाताओं की भीड़ कम देखने को मिली। लाडवा में सायं छह बजे तक लगभग 71 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान को लेकर लोगों में भारी उत्साह देखने को मिला, जहां लोग अपने बुजुर्ग को गोद में लाकर मतदान कराने लाए। वहीं युवाओं, महिलाओं व बुजुर्गों में भी मतदान करने के लिए भारी उत्साह देखा गया। चुनाव को शांतिपूर्वक कराने के लिए प्रशासन ने सख्त प्रबंध किए हुए थे। वहीं प्रशासन व पुलिस की टीम ने हर बूथ पर जाकर निरीक्षण किया।
संवेदनशील व अतिसंवेदनशील बूथों पर रही प्रशासन की पैनी नजर
चुनाव आयोग की तरफ से लाडवा खंड के 9 गांवों को संवेदनशील व अतिसंवेदनशील गांवों में रखा गया है, जिनमें गांव निवारसी, लौहारा, जैनपुर, बन, मेहरा, खरकाली, बकाली, दुगारी, घरौला शामिल है। इन गांवों पर चुनाव में न केवल पुलिस की पैनी नजर रही, बल्कि इन गांवों में चुनाव को शांतिपूर्वक करवाने के लिए पुलिस का विशेष प्रबंध भी किया गया। इन बूथों पर पुलिस की विशेष टुकड़ियों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी भी दौरा करते नजर आए। ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान के प्रति दिखा अधिक रुझान
बिना किसी लहर व जुनून के हो रहे इस चुनाव में भी ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत काफी अधिक दर्ज किया गया। लाडवा खंड के सभी बूथों पर औसतन 71 प्रतिशत मतदान हुआ। गांव मुरादनगर में करीब 582 में से 475 वोट पोल हुई। ऐसे ही गांव बहलोलपुर में 857 में से 647 वोट पोल हुई। गांव बड़ौदी में करीब 87 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके अलावा अन्य सभी गांवों में मतदाताओं में भारी रुझान देखने को मिला। मतदान केंद्रों के बाहर लगे किसी भी राजनीतिक दलों के बस्तों पर मतदातओं की भीड़ नजर नहीं आई। चुनाव आयोग द्वारा हर बूथ के बी.एल.ओ. के माध्यम से मतदान की पर्ची घर पहुंचाई हुई थी। इसलिए मतदाता सीधे मतदान केंद्र पर जाकर अपने मत का प्रयोग करते नजर आए। वहीं मतदातओं की चुप्पी ने पार्टी के नेताओं व प्रत्याशियों की धड़कने बढ़ाई हुई है, जिसका हिसाब लगाना नेताओं से कोसों दूर है। इस बार नतीजे सभी को अचंबित करने वाले हो सकते है।