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पढ़ी लिखी ग्राम पंचायत आई आगे, भूखड़ी में प्रतिबंध लगाया तो दर्जनों पंचायतों ने कराया सैनिटाइज

कोरोना के खिलाफ जंग में पढ़ी लिखीं पंचायतें आगे आने लगी हैं। भूखड़ी ग्राम पंचायत ने गांव में आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Mar 2020 09:00 AM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2020 09:00 AM (IST)
पढ़ी लिखी ग्राम पंचायत आई आगे, भूखड़ी में प्रतिबंध लगाया तो दर्जनों पंचायतों ने कराया सैनिटाइज
पढ़ी लिखी ग्राम पंचायत आई आगे, भूखड़ी में प्रतिबंध लगाया तो दर्जनों पंचायतों ने कराया सैनिटाइज

रवि कुमार, बाबैन : कोरोना के खिलाफ जंग में पढ़ी लिखीं पंचायतें आगे आने लगी हैं। भूखड़ी ग्राम पंचायत ने गांव में आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उतर गई हैं। इस तरह का फैसला लेने वाली यह जिले की पहली पंचायत बन गई है।

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ग्राम पंचायत सरपंच प्रदीप कुमार ने बताया कि देश में पूरी तरह से लॉकडाउन है। यह फैसला सरकार ने देश कि जनता की भलाई के लिए है। प्रत्येक नागरिक को इसका पालना करना चाहिए। ग्रामीण किसी न किसी बहाने से घरों से बाहर निकल जाते हैं। इन सबको देखते हुए ग्राम पंचायत ने गांव से बाहर जाने या आने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ग्रामीणों को बहुत जरूरी काम होने पर कारण बताकर जाना होगा। गांव में आने-जाने वालों को पहले साबुन से हाथ धोने होंगे। इस अवसर पर अनंत राम, प्रदीप कुमार, सुरेश कुमार, परमिदर सिंह, जसबीर सिंह व ओमप्रकाश मौजूद रहे। झांसा, सिरसला और मथाना समेत कई पंचायतों ने कराया सैनिटाइज

जिले की ग्राम पंचायत सैनिटाइजिंग कराने के लिए भी आगे आई हैं। झांसा ग्राम पंचायत सरपंच मीनू मल और प्रतिनिधि पुनीत मल ग्रामीणों को सोशल डिस्टेंसिंग, हैंड वाश समेत लॉकडाउन के बारे में जागरूक कर रहे हैं। पुनीत मल ने बताया कि पूरे गांव को लॉक डाउन करना पंचायत की जिम्मेदारी है। वहीं, ग्राम पंचायत सिरसला ने गांव को सैनिटाइज करवा दिया है। सफाई कर्मचारियों की पूरी टीम व ग्राम पंचायत ट्रैक्टर किराये पर लेकर गांव को सैनिटाइज कर रहे हैं। ग्राम पंचायत बाबैन के सरपंच मोतीलाल सैनी ने बताया कि पूरे गांव को सैनिटाइज कर दिया है। नंबरदार प्रशासन की मदद को आए आगे

हरियाणा प्रदेश नंबरदार एसोसिएशन के प्रवक्ता हरप्रीत सिंह चीमा ने बताया कि नंबरदार गांव की मुख्य कड़ी होते हैं। वे लोगों को जागरूक करने के साथ इसके लक्षण दिखाई देते ही प्रशासन को सूचना भी देंगे। नंबरदार सुनिश्चित करेंगे कि गांव में कोई भी व्यक्ति इस तरह की बीमारी से ग्रस्त नहीं हो।


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