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राहत भरी खबर, यह खास बर्फी खाइये और डेंगू में तेजी से बढ़ेंगे प्लेटलेट्स

डेंगू के मरीजों के लिए राहत की बड़ी खबर है। एक खास स्‍वादिष्‍ट बर्फी खाने से डेंगू के मरीज के खून में प्‍लूट्लेट्स गिरना रुकेगा और यह तेजी से बढ़ेगा। यह है पपीते की बर्फी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 09:35 AM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 05:07 PM (IST)
राहत भरी खबर, यह खास बर्फी खाइये और डेंगू में तेजी से बढ़ेंगे प्लेटलेट्स
राहत भरी खबर, यह खास बर्फी खाइये और डेंगू में तेजी से बढ़ेंगे प्लेटलेट्स

कुरुक्षेत्र, [सतविंद्र सिंह]। डेंगू के मरीजों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब एक खास बर्फी खाने से बीमारी के दौरान प्‍लेट्लेट्स का गिरना ही नहीं रुकेगा, बल्कि यह तेजी से बढ़ेगा। यह है पपीते की बर्फी। यह बर्फी कच्‍चे पपीते से तैयार की जाती है। खाने में स्‍वादिष्‍ट यह मिठाई कई बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।

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हिमाचल प्रदेश के न्यू आजीविका समूह ने डेंगू को मात देने वाली यह खास मिठाई तैयार की है। यह बर्फी डेंगू से ग्रस्‍त मरीज के खून में गिरते प्लेटलेट्स को बढ़ाने में बेहद असरदार है। औषधीय गुण के कारण कच्‍चे पपीते से तैयार की जाने वाली बर्फी बेहद खास है। यह डेंगू के साथ अन्य बीमारियों में भी काफी राहत देती है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 1 नवंबर को हमीरपुर उत्सव में इसे लांच किया। दीपावली के अवसर पर समूह ने 10 क्विंटल पपीते की बर्फी को बेचा।

हिमाचल प्रदेश के न्यू आजीविका समूह ने इजाद की रामबाण मिठाई

हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के खंड नादौन के न्यू आजीविका विकास ग्रुप की प्रधान रीना चंदेल के मुताबिक डेंगू में प्लेटलेट्स गिरने की समस्या में यह बर्फी दवा से भी तेज काम करेगी। इसे डेंगू के लगातार बढ़ते प्रकाेप को ध्‍यान में रखकर बनाया गया है।

उन्‍होंने बताया कि कच्चे पपीते में एक एमिनिया तरल पदार्थ होता है जो डेंगू और पेट से संबंधित बीमारियों के लिए बेहद ही लाभकारी होता है। इस बर्फी की खासियत है कि इसको तैयार करने में न तो किसी तेल या घी का इस्तेमाल किया जाता है और न ही दूध का। इसको तैयार करने में कच्‍चे पीपते के साथ चीनी, नारियल का बुरादा, केवड़ा व इलाइची का उपयोग किया जाता है।

कच्चे पपीते को तोड़ कर रात भर रखने के बाद बनाती हैं बर्फी

समूह की सचिव सुनीता देवी ने बताया कि कच्चे पपीते को तोड़ कर रात भर रखा जाता है। इससे पपीते का दूध उसमें ही रहता है। कच्चे पपीते के दूध में एक खास तरह का पदार्थ होता है। जो प्लेटलेट्स, हृदय व पेट के लिए बहुत अच्छा होता है। इसके बाद इसे कद्दूकस कर पकाया जाता है और बर्फी तैयार होती है। समूह की प्रधान रीना चंदेल का कहना है कि गेहूं के सफेद भाग से हलवे के लिए आटा तैयार किया जाता है। इसके लिए गेहूं की ऊपरी परत को उतारा जाता है।

ग्रुप की महिलाएं कमा रही 15 से 20 हजार रुपये प्रति माह

समूह की प्रधान रीना चंदेल का कहना है कि उनके ग्रुप में 25 महिलाएं हैं। उनके द्वारा तैयार की गई पपीते की बर्फी, आटे की सेवियां, हरड़, बांस-करेले का अचार व सूखा करी पत्ता तैयार किया जाता है। इसे हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ मेलों और उत्सवों में बेचा जाता है। इससे प्रत्येक महिला को 15 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह आमदनी होती है।


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