मजदूरों की कमी के चलते किसानों ने किया डीएसआर विधि से धान की बिजाई का रुख
कोरोना वायरस के डर से प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर पलायन कर चुके हैं। मजदूरों के बिना धान रोपाई की समस्या सामने खड़ी हुई तो किसानों ने डीएसआर धान बिजाई की ओर अपना रुख कर लिया है। गांव खेड़ी गादियां के सरपंच लखबीर सिह चट्ठा ने मजदूरों की कमी की आशंका को देखते हुए अभी से धान की सीधी रोपाई करने की बजाए धान की बिजाई की और अपना रुख कर लिया है ताकि वे धान की बिजाई का कार्य समय पर निपटा सके।
कोरोना वायरस के डर से प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर पलायन कर चुके हैं। मजदूरों के बिना धान रोपाई की समस्या सामने खड़ी हुई तो किसानों ने डीएसआर धान बिजाई की ओर अपना रुख कर लिया है। गांव खेड़ी गादियां के सरपंच लखबीर सिह चट्ठा ने मजदूरों की कमी की आशंका को देखते हुए अभी से धान की सीधी रोपाई करने की बजाए धान की बिजाई की और अपना रुख कर लिया है ताकि वे धान की बिजाई का कार्य समय पर निपटा सके।
सरपंच लखबीर सिह चट्ठा ने बताया कि खेती कार्यों में हो रही अनेक परेशानियों के कारण खेती अब किसानों के लिए घाटे का सौदा बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर जिस प्रकार प्रवासी मजदूर अपने घरों को पलायन कर रहे हैं उससे कृषि कार्यों में मजदूरों की भारी कमी हो गई है जिसका बुरा असर कृषि क्षेत्र पर पड़ना निश्चित है। उन्होंने कहा कि सरकार भी किसानों के हित में कोई कारगर नीतियां नहीं बना रही जिससे आज किसान असमंजस की स्थिति में फंसा हुआ है। उन्होंने कहा कि एक तो मजदूरों की कमी के कारण किसानों को सब्जी की फसल में भारी दिक्कत हो गई है दूसरा मंडियों में टमाटर, खीरा, शिमला मिर्च के भाव इतने कम हैं कि किसान को मजदूरी व किराया भी अपनी जेब से देना पड़ रहा है। उनका कहना है कि यदि सरकार ने तुरंत किसानों के हित में कोई ठोस नीति नहीं बनाई तो फिर वह दिन दूर नहीं कि जब किसान दो वक्त की रोटी को भी मोहताज हो जाएगा।